हूतियों ने उड़ाईं अमरीकी ड्रोन MQ-9 रीपर की धज्जियां! विद्रोहियों का दावा मिसाइल अटैक में मार गिराया, जानें भारत से कनेक्शन
Houthis Attack On Israel Airbase: हूती सैन्य प्रवक्ता ने कहा कि एमक्यू-9 रीपर ड्रोन को मार गिराने के साथ ही नवंबर 2023 से अब तक इस तरह के कुल 12 ड्रोन मारे गए हैं.
MQ-9 Reaper Drone: हूती विद्रोहियों ने इजरायल के नेवातिम एयरबेस को एक 'बैलिस्टिक मिसाइल' से निशाना बनाने का दावा किया. इसके अलावा ग्रुप की ओर से कहा गया कि उसने यमन के अल-जौफ प्रांत के ऊपर एक अमेरिकी 'एमक्यू-9 रीपर' ड्रोन को मार गिराया है.
हूती सैन्य प्रवक्ता याह्या सरेया ने अल-मसीरा टीवी पर प्रसारित एक बयान में कहा, गाजा पट्टी में हमास और लेबनान में हिजबुल्लाह के समर्थन में, हमने नेवातिम एयरबेस की ओर एक हाइपरसोनिक बैलिस्टिक मिसाइल दागी. मिसाइल अपने लक्ष्य तक पहुंच गई. अल मसीरा टीवी का संचालन हूती ग्रुप करता है.
‘अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराने में मिली कामयाबी’
सारेया ने कहा, हमारे हवाई सुरक्षा बलों ने एक अमेरिकी एमक्यू-9 ड्रोन को मार गिराने में कामयाबी हासिल की, जो आज शुक्रवार तड़के अल-जौफ प्रांत के हवाई क्षेत्र में शत्रुतापूर्ण मिशन को अंजाम दे रहा था. प्रवक्ता ने कहा, इस ड्रोन को मार गिराने के साथ ही नवंबर 2023 से अब तक इस तरह के कुल 12 ड्रोन मारे गए हैं. सारेया ने कहा, हम इजरायली दुश्मन (लाल सागर में) पर नौसैनिक नाकाबंदी जारी रखेंगे. साथ ही फिलिस्तीनी और लेबनानी लोगों का समर्थन करते रहेंगे.
इजरायल से जुड़े जहाजों पर हो रहे हमले
उन्होंने आगे कहा कि ग्रुप के सैन्य अभियान 'तब तक नहीं रुकेंगे जब तक गाजा और लेबनान पर इजरायली आक्रमण बंद नहीं हो जाता.' इससे पहले, अल-मसीरा टीवी ने दावा किया कि अमेरिकी-ब्रिटिश गठबंधन ने यमन के होदेइदाह प्रांत पर दो हवाई हमले किए, जिसकी पुष्टि गठबंधन ने अभी तक नहीं की है. यमन के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करने वाला हूती ग्रुप, क्षेत्रीय जल और उससे आगे के क्षेत्रों में 'इजरायल से जुड़े' जहाजों पर मिसाइल और ड्रोन हमले कर रहा है. ग्रुप इजरायल में भी मिसाइल और ड्रोन अटैक कर रहा है.
भारत के पास कितने एमक्यू-9 ड्रोन
इस मामले पर अमेरिका ने अभी तक चुप्पी साध रखी है. खास बात ये है कि ये वही ड्रोन है जिसके लिए भारत ने अमेरिका से 3.5 अरब डॉलर की डील की है. भारत ने 31 ड्रोन खरीदे हैं. इन अमेरिकी ड्रोन्स को कई बार निशाना बनाया जा चुका है और इसीलिए डिफेंस एक्सपर्ट इस ड्रोन डील की आलोचना कर रहे हैं.
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