Yevgeny Prigozhin Death: वैगनर ग्रुप के चीफ येवेज्ञनी प्रिगोझिन की विमान हादसे में मौत हो गई है. वैगनर से जुड़े टेलीग्राम चैनल ने भी प्रिगोझिन के मारे जाने की पुष्टि कर दी है. इसने कहा है कि वैगनर चीफ और रूस के हीरो येवेज्ञनी प्रिगोझिन मारे गए हैं. रूस की एविएशन अथॉरिटी रोसावियात्सिया ने भी कहा है कि प्रिगोझिन और वरिष्ठ वैगनर कमांडर दिमित्री उत्किन उन 10 लोगों में शामिल थे, जो बुधवार शाम क्रैश हुए विमान में यात्रा कर रहे थे. विमान हादसे में 10 लोगों के मारे जाने की बात कही गई है. 


रूसी इमरजेंसी मंत्रालय ने कहा है कि तेवर क्षेत्र में एक प्राइवेट जेट क्रैश हो गया. इसमें सवार तीन क्रू मेंबर्स और सात यात्रियों की मौत हो गई. मंत्रालय का कहना है कि विमान राजधानी मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहा था. प्रिगोझिन ने जून में ही रूस के खिलाफ बगावत की थी. ऐसे में इस बात की भी चर्चाएं हो रही हैं कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहीं प्रिगोझिन को इसकी सजा तो नहीं दी है. 


बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन का अपने दुश्मनों को रास्ते से हटाने का रिकॉर्ड रहा है. रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ खड़े होने का मतलब है मौत को दावत देना. वैगनर की बगावत के बाद से ही तय था कि प्रिगोझिन की हत्या जरूर होगी. यही वजह है कि बुधवार को हुए हादसे में लोग पुतिन का हाथ होने की बात भी मान रहे हैं. ऐसे में आइए उन लोगों के बारे में जानते हैं, जिन्हें पुतिन ने ठिकाने लगवा दिया था. 


प्रिगोझिन की तरह इन लोगों की भी हुई मौत


रवील मगानोव: तेल कंपनी लुकोइल के चेयरमैन रवील मगानोव ने यूक्रेन पर हमले की खुले तौर पर आलोचना की. उन्होंने युद्ध को तुरंत खत्म करने को कहा. 2022 के फरवरी में युद्ध शुरू हुआ और सितंबर में मॉस्को के एक अस्पताल की खिड़की से गिरकर मगानोव की मौत हो गई. हालांकि, लुकोइल ने बताया कि मगानोव की मौत गंभीर बीमारी की वजह से हुई है. लेकिन इसके पीछे पुतिन का हाथ बताया गया.


मिखाइल लेसिन: रूसी प्रेस मंत्री मिखाइल लेसिन की नवंबर 2015 में वाशिंगटन डीसी में रहस्यमयी ढंग से मौत हो गई. उनके चेहरे पर चोट के निशान थे. लेसिन ने ही अंग्रेजी भाषा के टेलीविजन नेटवर्क रशिया टुडे (आरटी) की स्थापना की थी. मरने से पहले लेसिन एफबीआई से संपर्क में थे. उन्हें रूस के अंदरूनी कामकाज के बारे में बहुत ज्यादा मालूम था. कहा जाता है कि इसी वजह से उन्हें ठिकाने लगवा दिया गया. 


बोरिस नेमत्सोव: बोरिस येल्तसिन के समय बोरिस नेमत्सोव रूस के डिप्टी प्रधानमंत्री हुआ करते थे. उन्हें पुतिन का बड़ा आलोचक माना जाता था. नेमत्सोव ने पुतिन पर आरोप लगाया था कि वह रूस के अमीर वर्ग के इशारे पर नाचते हैं और उनसे पैसे लेते हैं. 2015 में जब वह मॉस्को में एक रेस्तरां से बाहर निकल रहे थे, तो उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई. हत्या वाली जगह क्रेमलिन से कुछ ही दूर थी. 


बोरिस बेरेजोव्स्की: रूसी ओलीगार्क बोरिस बेरेजोव्स्की की पुतिन से अनबन हुई और वह अपनी जान बचाकर ब्रिटेन भाग गए. उन्होंने ब्रिटेन से ही पुतिन को धमकी दी. फिर मार्च 2013 में खबर आई कि बेरेजोव्स्की ने सुसाइड कर लिया है. बाथरूम के अंदर से जब उनकी लाश को बाहर निकाला गया, तो उनके गले में एक पट्टी बंधी हुई थी. पुलिस भी इस बात की पुष्टि नहीं कर पाई कि ये हत्या है या फिर आत्महत्या.


नतालिया एस्टेमिरोवा: नतालिया एस्टेमिरोवा चेचन्या में रूस के जरिए किए जाने वाले मानवाधिकारों के हनन को उजागर किया करती थीं. उनकी रिपोर्ट की वजह से रूसी सरकार पर अक्सर ही दबाव बनता था. फिर 2009 में उन्हें किडनैप कर लिया गया. कुछ दिनों बाद जंगल से उनकी लाश मिली. एस्टेमिरोवा के सिर पर गोली लगने के निशान थे. उनके हत्यारे का आज तक कुछ पता नहीं चल पाया है. 


अलेक्जेंडर लिट्विनेंको: पूर्व केजीबी एजेंट अलेक्जेंडर लिट्विनेंको पुतिन के बड़े आलोचकों में से एक था. उसने पुतिन पर एक पत्रकार की हत्या का आरोप लगाया था. 2006 में लंदन में एक होटल में जहर मिली चाय पीने से उसकी मौत हो गई. पुलिस ने बताया कि लिट्विनेंको को एफएसबी एजेंट आंद्रेई लुगोवोई और दिमित्री कोवतुन ने जहर दिया था. दोनों ही एजेंट को इस मिशन को अंजाम देने के लिए पुतिन ने भेजा था.  


एना पोलितकोवस्काया: रूसी पत्रकार एना पोलितकोवस्काया ने अपनी किताब Putin's Russia में रूसी राष्ट्रपति पर देश को पुलिस स्टेट के बदलने का आरोप लगाया. ये बात रूसी सरकार को नागवार गुजरी और फिर 2006 में सुपारी किलर्स ने उनके घर के बाहर ही उनकी हत्या कर दी. हत्या के लिए पांच लोगों को दोषी भी ठहराया गया. लेकिन कहा जाता है कि इन लोगों को हत्या के लिए एक करोड़ रुपये मिले थे.


पॉल क्लेबनिकोव: फोर्ब्स के रूसी एडिशन के चीफ एडिटर पॉल क्लेबनिकोव ने रूस के भ्रष्टाचार के बारे में बहुत कुछ लिखा. वह रूस के अमीर लोगों के राज भी खोल रहे थे. कहा जाता है कि इस बात से पुतिन बहुत ज्यादा नाराज थे. 2004 में सुपारी किलर्स ने उनकी हत्या कर दी. जिस वक्त उनकी हत्या की गई, उस वक्त वह अपनी कार में ही थे. 


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