बांग्लादेश में लगा सरकारी नौकरियों में हिंदुओं की एंट्री पर बैन! जानें यूनुस सरकार पर किसने लगा दी ये तोहमत
युनूस सरकार का हिंदू विरोधी चेहरा एक बार फिर से उजागर हुआ है. बांग्लादेश गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर पुलिस विभाग में कांस्टेबल से लेकर उच्च पदों तक हिंदुओं की नियुक्ति पर रोक लगा दी है.
Yunus Govt Anti Hindu Face: बांग्लादेश में हिंदू विरोधी गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं, जो अल्पसंख्यक समुदायों के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है. मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार पर हिंदुओं को प्रशासनिक और सामाजिक मुख्यधारा से बाहर करने के प्रयास किए जाने के आरोप लग रहे हैं. हाल ही में कई ऐसी रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि बीसीएस परीक्षा में पास कई हिन्दू कैंडिडेट्स के नाम रद्द कर दिए गए हैं.
न्यूज पेपर संगबाद प्रतिदिन के मुताबिक, मंगलवार (31 दिसंबर, 2024) को बराकपुर में कुणाल घोष से मिले चिन्मय प्रभु के वकील रवींद्र घोष ने कहा कि गृह मंत्रालय ने एक आदेश जारी कर पुलिस विभाग में कांस्टेबल से लेकर उच्च पदों तक हिंदुओं की नियुक्ति पर रोक लगा दी है. पास होने के बावजूद कई हिंदुओं को बीसीएस कैडर से बाहर किया जा रहा है. जो बहुत दुखद है.
बीसीएस परीक्षा और भेदभाव
बांग्लादेश में उच्च प्रशासनिक पदों पर भर्ती बीसीएस परीक्षा के माध्यम से की जाती है. इस परीक्षा में हिन्दू कैंडिडेट्स के साथ कथित भेदभाव किया गया. 15 अक्टूबर 2023 को जारी अधिसूचना रद्द कर दी गई और नए नोटिफिकेशन में 168 कैडर हटा दिए गए. कुल 267 उम्मीदवारों को बाहर किया गया, जिनमें अधिकांश हिंदू बताए जा रहे हैं. सूत्रों के अनुसार, लगभग 1,500 हिंदू उम्मीदवारों को नौकरियों से वंचित कर दिया गया.
बांग्लादेश के गृह सलाहकार ने क्या कहा?
इस मामले पर बांग्लादेश के गृह सलाहकार और जमात-ए-इस्लामी के कट्टर समर्थक जहांगीर आलम चौधरी ने कहा, ''बांग्लादेश एक मुस्लिम बहुल देश है. इस देश में 90 फीसदी मुसलमान हैं. इसलिए, चाहे पुलिस हो या सरकारी नौकरियां, मुसलमानों को प्राथमिकता मिलेगी.”
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न जारी
गौरतलब है कि पिछले नवंबर से बांग्लादेश में हिंदू उत्पीड़न चरम स्तर पर पहुंच गया है. घरों और दुकानों पर हमले के अलावा अल्पसंख्यकों की पिटाई के भी आरोप लगे हैं. इस्कॉन भिक्षु चिन्मय प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस्कॉन के मंदिर में भी कई बार तोड़फोड़ की गई है. जिसे लेकर भारत ने कड़ा संदेश दिया है.
बता दें कि विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कुछ दिन पहले ढाका का दौरा किया था, लेकिन मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने हिंदुओं के उत्पीड़न को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. इसके उलट यूनुस के सलाहकार एक के बाद एक भारत विरोधी टिप्पणियां कर रहे हैं. इस बार हिंदुओं को उच्च पद वाली नौकरियों से भी हटाया जा रहा है.