एग्जाम किया पास, फिर भी बांग्लादेश में हिंदुओं को नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी! संगठन ने यूनुस सरकार पर उठाए सवाल
Bangladesh BCS Recruitment: बांग्लादेश में 43वीं सिविल सेवा भर्ती में 168 उम्मीदवारों को बाहर किया गया, जिनमें 71 हिंदू और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक थे.
Bangladesh BCS Recruitment: बांग्लादेश अल्पसंख्यकों को सताने से बाज नहीं आ रहा है. हिंदू, बौद्ध और क्रिश्चियन समुदाय यूनुस सरकार की आंखों में कांटे की तरह चुभ रहे हैं. 43वीं सिविल सेवा (बीसीएस) भर्ती में धार्मिक अल्पसंख्यकों को दरकिनार कर जारी किया गया गजट सरकार की भेदभावपूर्ण नीतियों को उजागर करता है.
हिंदू-बौद्ध-क्रिश्चियन एक्य परिषद ने 30 दिसंबर को जारी गजट को तत्काल रद्द करने की मांग की है. परिषद का कहना है कि इस गजट में 168 उम्मीदवारों को बाहर किया गया है, जिनमें 71 धार्मिक अल्पसंख्यक समुदायों से हैं. इसे धार्मिक घृणा और भेदभावपूर्ण मानसिकता का सीधा उदाहरण बताया गया है.
गजट रद्द करने की मांग
परिषद ने बयान जारी कर अंतरिम सरकार के लोक प्रशासन सलाहकार से तुरंत गजट को रद्द करने और सभी छूटे हुए उम्मीदवारों को शामिल करने की मांग की है. उनका कहना है कि यह फैसला हाल ही में हुए भेदभाव-विरोधी आंदोलन की उम्मीदों के खिलाफ है और समाज में असमानता को बढ़ावा देता है. बांग्लादेश में इस विवाद ने सामाजिक सौहार्द और लोकतांत्रिक मूल्यों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों को सताने का अतीत
शेख हसीना की सरकार के अपदस्थ होने के बाद बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा और भेदभाव की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है. 2024 के अंत से अल्पसंख्यक समुदायों पर हमले और उनका उत्पीड़न तेज हो गया है, जिससे बांग्लादेश में सामाजिक तनाव और असमानता की भावना गहरी हो गई है.
पिछले कुछ महीनों में, अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध और क्रिश्चियन समुदायों के खिलाफ कई हमले किए गए हैं. इनमें धार्मिक स्थल पर हमले, महिलाओं के साथ हिंसा, और मंदिरों और चर्चों को तोड़ने की घटनाएं शामिल हैं. सरकार की शांति व्यवस्था बनाए रखने में नाकामी और सुरक्षा की कमी ने इन हमलों को और बढ़ावा दिया है.
अल्पसंख्यकों के लिए यह समय संघर्ष और भय का है, क्योंकि उनका जीवन और संपत्ति हर दिन खतरे में रहती है. बांग्लादेश में इन घटनाओं के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे समाज में असुरक्षा की भावना बढ़ी है.
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