पाकिस्तान में जाकिर नाइक के बयान से ईसाई समुदाय नाराज, पीएम-राष्ट्रपति से लगाई ये गुहार
Zakir Naik Remarks on Christians: जाकिर नाइक के सार्वजनिक भाषणों ने ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है.
Zakir Naik Remarks on Christians: भारत में भगोड़े घोषित किए गए इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक एक बार फिर विवादों में घिर गया है. पाकिस्तान में आयोजित सार्वजनिक संबोधन के दौरान दिए गए उसके बयानों ने ईसाई समुदाय के बीच नाराजगी पैदा कर दी है. इस मामले पर पाकिस्तान के ईसाई नेता और मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. मार्शल ने एक पत्र लिखकर अपनी गहरी आपत्ति दर्ज कराई है.
डॉ. मार्शल ने एक लेटर में कहा है कि डॉ. ज़ाकिर नाइक के सार्वजनिक भाषणों ने ईसाई समुदाय की धार्मिक भावनाओं को गहरी चोट पहुंचाई है. उसने न केवल ईसाई धर्म की प्रामाणिकता पर सवाल उठाए बल्कि पवित्र ग्रंथों का अपमान किया और ईसाई पादरियों और विद्वानों की आस्था को ठेस पहुंचाई. उन्होंने कहा कि नाइक के बयानों ने न केवल धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा दिया बल्कि पाकिस्तान की राष्ट्रीय एकता को भी आघात पहुंचाया है.
सरकारी प्रतिक्रिया की कमी पर नाराजगी
लेटर में यह भी कहा गया है कि सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई औपचारिक खेद जाहिर न करना ईसाई समुदाय में और भी गहरे असंतोष का कारण बना है. इसके बावजूद कि सरकार ने बार-बार धार्मिक सद्भाव और सभी के प्रति सम्मान बनाए रखने का आश्वासन दिया है. डॉ. मार्शल ने कहा कि नाइक के बयानों पर चुप्पी ने अल्पसंख्यकों की हाशिये पर होने की भावना को और भी गहरा किया है.
संविधान के अनुच्छेद 20 और 36 का हवाला
डॉ. मार्शल ने पाकिस्तानी अखबार डॉन से कहा कि पाकिस्तान के संविधान के अनुच्छेद 20 के तहत हर नागरिक को अपने धर्म का प्रचार, अभ्यास और पालन करने का अधिकार है. उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 36 राज्य को अल्पसंख्यकों के वैध अधिकारों की रक्षा करने का दायित्व देता है, जिसे नाइक के बयानों से आघात पहुंचा है.
डॉ. मार्शल ने राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी से अपील की है कि वे अल्पसंख्यकों के इन संवैधानिक अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और ऐसे विभाजनकारी घटनाओं पर तुरंत प्रभावी कदम उठाएं, खासकर जब ये राज्य संरक्षण में हो रही हों.
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