जांबिया के पहले राष्ट्रपति केनेथ कौंडा का 97 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. यह घोषणा देश के राष्ट्रपति एडवर्ड लुंगु ने गुरुवार की शाम को फेसबुक पर की. कौंडा के बेटे कामरांगे कौंडा ने भी फेसबुक पर उनके निधन की सूचना दी. कौंडा के बेटे ने लिखा, ‘‘मुझे यह सूचित करते हुए दुख हो रहा है कि एमजी अब नहीं रहे. हम उनके लिए प्रार्थना करते हैं.’’ एमजी शब्द का इस्तेमाल बड़ों के सम्मान में किया जाता है.


इधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जांबिया के पहले राष्ट्रपति के निधन पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- "विश्व नेता और राजनेता डॉक्टर केनेथ डेविड कौंडा के निधन की खबर के बारे में सुनकर दुख हुआ. उनके परिवार और जांबिया के लोगों को मेरी तरफ से गहरी संवेदना है."







उन्हें सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अधिकारियों ने बताया कि उनका न्यूमोनिया का इलाज चल रहा है. दक्षिण अफ्रीकी देश में वर्तमान में कोरोना वायरस के मामलों में काफी इजाफा हुआ है और देश के प्रथम राष्ट्रपति को माइना सोको मेडिकल सेंटर में भर्ती कराया गया था जो सेना का अस्पताल है.

कौंडा उस आंदोलन के नेता थे जिस कारण जांबिया में अंग्रेजों का औपनिवेशिक शासन समाप्त हुआ और वह 1964 में जांबिया के पहले लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति बने.