हरारे: जिम्बाब्वे की सेना ने बुधवार को देश पर नियंत्रण स्थापित कर लिया, हालांकि सेना के शीर्ष अधिकारियों ने तख्तापलट से इनकार किया है. दूसरी तरफ, राष्ट्रपति रॉबर्ट मुगाबे ने कहा कि वह नजरबंद हैं. सत्ता पर मुगाबे की दशकों पुरानी पकड़ छूटती दिख रही है. सेना की गाड़ियों ने हरारे में संसद के बाहर की सड़कों को अवरुद्ध कर दिया और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने रात के समय नेशनल टेलीविजन पर देश को संबोधित किया.


मेजर जनरल सिबुसिसो मोयो ने कहा, ‘‘हम राष्ट्र को यह आश्वासन देना चाहते हैं कि राष्ट्रपति और उनका परिवार सही सलामत है और उनकी सुरक्षा की गारंटी है.’’ जनरल ने कहा, ‘‘हम केवल उनके आस-पास उन अपराधियों को निशाना बना रहे हैं, जो अपराध कर रहे हैं... हम उम्मीद करते हैं कि जैसे ही हमारा अभियान पूरा होगा, हालात पुन: सामान्य हो जाएंगे.’’ मोयो ने कहा, ‘‘यह सैन्य तख्तापलट नहीं है.’’ लेकिन जनरलों के इन कदमों ने साल 1980 में ब्रिटेन से आजादी के बाद से जिम्बाब्वे में सत्ता पर काबिज मुगाबे के समक्ष बड़ी चुनौती पैदा कर दी है.


दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति जैकब जुमा ने बुधवार को कहा कि मुगाबे अपने देश में नजरबंद हैं. दक्षिण अफ्रीकी सरकार की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ‘‘राष्ट्रपति जुमा ने आज राष्ट्रपति मुगाबे से बात की. मुगाबे ने संकेत दिया कि उन्हें उनके मकान में रोककर रखा गया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि वह ठीक हैं.’’ मुगाबे के शासन की लंबे समय से समर्थक रही सेना और 93 साल के नेता मुगाबे के बीच तनाव हालिया दिनों में सार्वजनिक हो गया.


सेना प्रमुख जनरल कांन्सटैनटिनो चिवेंगा ने उपराष्ट्रपति एमरसन मनांगाग्वा को बर्खास्त किए जाने की निंदा की थी जिसके बाद सत्तारूढ़ जेडएएनयू-पीएफ पार्टी ने चिवेंगा पर राजद्रोह संबंधी आचरण का मंगलवार को आरोप लगाया था. मनांगाग्वा की बर्खास्तगी के बाद मुगाबे की पत्नी ग्रेस (52) अगले राष्ट्रपति के तौर पर अपने पति की उत्तराधिकारी बनने की प्रबल दावेदार बन गई हैं. सेना में वरिष्ठ रैंक के अधिकारियों ने राष्ट्रपति पद के लिए ग्रेस की दावेदारी का कड़ा विरोध किया है.


मुगाबे के निजी आवास के बाहर लंबे समय तक गोलीबारी की आवाज सुनी गई और रात में हालात खराब हो गए. हालात खराब होने के मद्देनजर हरारे में अमेरिकी दूतावास ने देश में मौजूद अपने नागरिकों को चेताया है कि जारी राजनीतिक अस्थिरता के कारण वे सुरक्षित जगहों पर रहें.’’ मुगाबे दुनिया के सबसे उम्रदराज राष्ट्राध्यक्ष हैं लेकिन उनके खराब होते स्वास्थ्य ने उनके उत्तराधिकार की लड़ाई शुरू कर दी है.