Delhi Water Crisis: इन दिनों यमुना नदी का जल स्तर इतना नीचे चला गया है कि नदी का ज़्यादत्तर हिस्सा ख़ाली मैदान में तब्दील हो चुका है. यमुना नदी के सूख जाने की वजह से दिल्ली में पानी की सप्लाई पर भी इसका बड़ा असर देखने को मिल रहा है. दरअसल दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक़ वजीराबाद तालाब में जल स्तर 669.40 फुट तक घट गया है, जो इस साल अब तक का सबसे कम है. जबकि सामान्य तौर पर वज़ीराबाद तालाब का जल स्तर 674.50 फीट पर रहता है. क़रीबन 5 फ़ीट यमुना के जल स्तर में कमी देखने को मिल रही है. यमुना नदी का ये हाल तब है जब अभी जून का महीना शुरू होने में क़रीबन दो हफ़्तों का वक्त बाक़ी है और आस-पास के लोगों का कहना है कि ऐसी स्थिति अक्सर जून के महीने में ही देखने को मिलती थी लेकिन इस बार मई के महीने में ही ऐसी स्थिति नज़र आ रही है तो जून में क्या हालात होंगे? 


तीनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी क्षमता से 40 प्रतिशत कम काम कर रहे


दिल्ली के तीन वाटर ट्रीटमेंट प्लांट वज़ीराबाद, ओखला और चंद्रावल प्रभावित हुये है. दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक़ यमुना के पानी में आयी कमी की वजह से ये तीनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट अपनी क्षमता से 40 प्रतिशत कम काम कर रहे है. जिसकी वजह से दिल्ली के कई इलाक़ों में पानी की सप्लाई बाधित हो गयी है. दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक़ चंद्रावल में 90 एमजीडी, वज़ीराबाद में 135 एमजीडी और ओखला में 20 एमजीडी पानी की कमी चल रही है. ये तीनों प्लांट पूरी क्षमता से काम करें इसके लिये 98 एमजीडी पानी और यानी 40% पानी और चाहिये होगा.


यमुना नदी का पानी सूख जाने के पीछे दिल्ली जल बोर्ड ने दो वजहें बतायी


यमुना नदी का पानी सूख जाने के पीछे दिल्ली जल बोर्ड ने दो वजहें बतायी है. पहला रिकॉर्ड तोड़ गर्मी का पड़ना और दूसरी सबसे बड़ी वजह हरियाणा सरकार का दिल्ली के हिस्से का पानी यमुना नदी में ना छोड़ना. दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भरद्वाज ने कहा कि दिल्ली में पानी की क़िल्लत इसलिये बढ़ गयी है क्योंकि यमुना का पानी सूख चुका है. और इसका सबसे बढ़ा कारण हरियाणा द्वारा दिल्ली के हक़ का पानी नहीं छोड़ा जाना है. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जल बोर्ड की तरफ़ से इसके लिये हरियाणा सरकार को चिट्ठी भी भेजी गयी है और हरियाणा सरकार से जल्द पानी रिलीज़ करने की माँग भी की है. उन्होंने कहा कि अगर हालात यही रहे तो आगे पानी की क़िल्लत बढ़ सकती है. हालाँकि सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर प्री-मानसून की बारिश होती है या मानसून थोड़ा जल्दी आता है तो ये समस्या भी दूर हो जायेगी. 


यमुना सूख जाने से पानी की क़िल्लत जिन इलाक़ों में बढी है उसमें ये इलाक़े शामिल हैं—


सिविल लाइंस, हिंदूराव अस्पताल क्षेत्र, कमला नगर, शक्ति नगर और करोल बाग के आसपास के क्षेत्र, पहाड़गंज, ओल्ड और न्यू राजिंदर नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, इंद्रपुरी और आसपास के क्षेत्रों में भी इस दौरान पानी की सप्लाई प्रभावित हो रही है. वहीं दिल्ली जल बोर्ड ने इन इलाक़ों में टैंकर के ज़रिये पानी की सप्लाई पंहुचाने के लिये फ़ोन नंबर जारी किया है. इसके लिये दिल्ली जल बोर्ड के 1916 नंबर पर कॉल कर टैंकर अपने इलाक़े में लोग बुला सकते है. 


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