फूड डिलिवरी कंपनी जोमैटो ने अपने सभी अंतरराष्ट्रीय कारोबार बंद कर दिए हैं. पिछले साल अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर का शटर गिराने के बाद अब लेबनान भी इस सूची में शामिल हो गया है. फूड डिलिवरी करने वाली कंपनी जोमैटो संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में अपना बिजनेस जारी रखेगी लेकिन फूड डिलिवरी के तौर पर नहीं बल्कि डाइनिंग आउट बिजनेस के तौर पर.
जोमैटो के चीफ एग्जीक्युटिव ऑफिसर (सीईओ) दीपेंद्र गोयल ने कहा, 'हम अपना संचालन लेबनान में भी बंद कर रहे हैं, जो हमारा इकलौता इंटरनेशनल बिजनेस (यूएई में डाइनिंग आउट के अलावा) बचा था. पिछले साल हमने अपने बाकी सभी अंतरराष्ट्रीय बिजनेस संचालन बंद कर दिए हैं. '
10 नवंबर को जारी ज़ोमैटो की तिमाही फाइनेंशियल स्टेटमेंट के अनुसार, कंपनी ने रिपोर्ट करने योग्य सेगमेंट के रूप में तीन भौगोलिक क्षेत्रों की पहचान की है. ये हैं- भारत और संयुक्त अरब अमीरात और बाकी देश (Rest of World) जिनमें ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिलिपींस, इंडोनेशिया, मलेशिया, यूएसए, लेबनान, तुर्की, क्रेज, स्लोवाकिया, पोलैंड, कतर, आयरलैंड.
भारत राजस्व के मामले में जोमैटो के लिए सबसे बड़ा बाजार है. इसके बाद यूएई का नंबर आता है. पिछले से जुलाई से सितंबर तिमाही में भारत से जोमैटो को 387.7 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ था. इस साल इसी अवधि में आंकड़ा 981 करोड़ रुपये है. वहीं यूएई में साल 2020 में 25 करोड़ का मुनाफा हुआ था. जबकि इस साल यह बढ़कर 33 करोड़ हो गया है. हालांकि बाकी के देशों में साल 2020 में जुलाई से सितंबर अवधि में कंपनी को 11 करोड़ का मुनाफा हुआ था, जो इस साल घटकर 9.7 करोड़ रुपये हो गया है.
कंपनी ने अपने वित्तीय लेखा-जोखा में बताया कि जोमैटो फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और जोमैटो आयरलैंड लिमिटेड (लेबनान ब्रांच) के बंद हो जाने के बाद लेबनान मार्केट से बाहर निकलना पड़ा. गौरतलब है कि सिंगापुर में जोमैटो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड, ब्रिटेन में जोमैटो यूके लिमिटेड और अमेरिका में नेक्टेबल इंक को पिछली तिमाही में बंद किया गया था. टैक्स चुकाने से पहले कम से कम इस वक्त यूएई ही जोमैटो के लिए मुनाफे वाला बाजार बचा है.
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