यात्रा के दौरान भाषा की वजह से 21% भारतीयों को झेलनी पड़ती हैं समस्याएं
यह सर्वे कुल 28 देशों में किया गया जिसमें भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, फ्रांस, स्पेन, इटली, चीन, ब्राजील, अमेरिका, ब्रिटेन, रुस, इंडोनेशिया और कोलंबिया, जापान, न्यूजीलैंड, थाईलैंड, अर्जेंटीना, बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, हांगकांग, क्रोशिया, ताइवान, मेक्सिको, नीदरलैंड, स्वीडन, सिंगापुर और इस्राइल जैसे देश शामिल हैं.
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View In Appइस सर्वे में उन लोगों को शामिल किया गया था जिन्होंने या तो पिछले 1 साल में कोई यात्रा की है या फिर उनका अगले 12 महीने में किसी यात्रा पर जाने का प्लान है.
बुकिंग डॉट कॉम ने 20,500 एडल्ट्स के बीच एक रिसर्च करके यह आंकड़े पेश किए हैं.
करीब 21 फीसदी भारतीय पर्यटकों का मानना है कि अपनी यात्रा के दौरान उनका अनुभव उनकी इच्छा के अनुरुप नहीं रहा और इसकी एक बड़ी वजह भाषा का बाधक होना है.
लेकिन वह कई बार भाषा के बाधक होने के डर और अनजानी बेचैनी के चलते ऐसा करने से कतराते हैं.
ऑनलाइन यात्रा कंपनी बुकिंग डॉट कॉम के एक सर्वे के मुताबिक, भारतीय पर्यटक अपनी सीमाओं से आगे जाकर यात्रा करने और नए अनुभवों को प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहते हैं.
वैसे तो लोग नई जगहों को देखना चाहते हैं और एक्सप्लोर करना चाहते हैं लेकिन कई जगहों पर भाषा की भी परेशानी सामने आती है.
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