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Animal Feed: पशुओं को खिलाएंगे ये घास तो नहीं पनपेगी कोई बीमारी...गर्मी में भी एक्टिव रहेंगे आपके दुधारू पशु!
Animal Green Feed: गर्मियों में पशु काफी सुस्त हो जाते हैं. कई पशुओं को लू लगने से बीमारियां हो जाती है और पशु दूध देना कम कर देते हैं. ऐसे में दुधारू पशुओं को विशेष हरी घास खिलाने की सलाह देते हैं
![Animal Green Feed: गर्मियों में पशु काफी सुस्त हो जाते हैं. कई पशुओं को लू लगने से बीमारियां हो जाती है और पशु दूध देना कम कर देते हैं. ऐसे में दुधारू पशुओं को विशेष हरी घास खिलाने की सलाह देते हैं](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/6ed9adf22589eec02dcc45fe833635e11681129470245455_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पशुओं को खिलाएंगे ये घास तो नहीं पनपेगी कोई बीमारी...गर्मी में भी एक्टिव रहेंगे आपके दुधारू पशु!
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![Azolla Green Feed: गर्मी के मौसम में इंसान से लेकर जानवरों की सेहत डगमगाने लगती है. गांव में जहां किसान फसलों के लेकर चिंता में होते हैं तो पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर पशुपालकों की चिंताएं भी बढ़ जाती है. कई बार चरमराती गर्मी और लू लगने से पशु दूध देना बंद देते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/2c5417575ffad4738329dd26ede500375a6d1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Azolla Green Feed: गर्मी के मौसम में इंसान से लेकर जानवरों की सेहत डगमगाने लगती है. गांव में जहां किसान फसलों के लेकर चिंता में होते हैं तो पशुओं के स्वास्थ्य को लेकर पशुपालकों की चिंताएं भी बढ़ जाती है. कई बार चरमराती गर्मी और लू लगने से पशु दूध देना बंद देते हैं.
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![पशु विशेषज्ञों की मानें तो गर्मी में गाय-भैसों के विशेष देखभाल के साथ हरे चारे की सख्त आवश्यकता होती है दिन में दो बार पशु चारा खिलाने से पशुओं को गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है. हरा चारा ना सिर्फ पशुओं की सेहत को दुरुस्त रखता है, बल्कि ये पशुओं में हाइड्रेशन भी बढ़ाता है. पशुओं को नियमित हरा चारा खिलाने से दूध की मात्रा में भी कमी नहीं आती. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि गर्मी में पशुओं को कौन सा पशु चारा खिलाएं?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/e36220a4315e864609ce2f29326e198e15ab2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पशु विशेषज्ञों की मानें तो गर्मी में गाय-भैसों के विशेष देखभाल के साथ हरे चारे की सख्त आवश्यकता होती है दिन में दो बार पशु चारा खिलाने से पशुओं को गर्मी के दुष्प्रभावों से बचाया जा सकता है. हरा चारा ना सिर्फ पशुओं की सेहत को दुरुस्त रखता है, बल्कि ये पशुओं में हाइड्रेशन भी बढ़ाता है. पशुओं को नियमित हरा चारा खिलाने से दूध की मात्रा में भी कमी नहीं आती. अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि गर्मी में पशुओं को कौन सा पशु चारा खिलाएं?
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![नेपियर घास- गन्ने की तरह दिखने वाली नेपियर घास को पशुओं का गन्ना भी कहते हैं. सुपर नेपियर, हाथी घास या गन्ना घास के नाम से मशहूर ये चारा थाईलैंड से भारत पहुंचा. अच्छी बात यह है कि किसान इसे बंजर जमीन पर या खेत की मेड पर भी उगा सकते हैं. साधारण चारे की तुलना में नेपियर घास में 20% अधिक प्रोटीन और 30 से 40 फीसदी क्रूड फाइबर मौजूद होता है. एक बार नेपियर घास की हार्वेस्टिंग लेने के बाद हर 45 दिन में इसकी कटाई कर सकते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/69ccdf35a95f59cb56d575ff82f60282e422e.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
नेपियर घास- गन्ने की तरह दिखने वाली नेपियर घास को पशुओं का गन्ना भी कहते हैं. सुपर नेपियर, हाथी घास या गन्ना घास के नाम से मशहूर ये चारा थाईलैंड से भारत पहुंचा. अच्छी बात यह है कि किसान इसे बंजर जमीन पर या खेत की मेड पर भी उगा सकते हैं. साधारण चारे की तुलना में नेपियर घास में 20% अधिक प्रोटीन और 30 से 40 फीसदी क्रूड फाइबर मौजूद होता है. एक बार नेपियर घास की हार्वेस्टिंग लेने के बाद हर 45 दिन में इसकी कटाई कर सकते हैं.
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![कंबाला चारा- कई पशपालकों के पास खेती योग्य जमीन नहीं होती. बाजार में पशु चारा इतना महंगा बिकता है कि पशुपालन की लागत बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में अब घर के अंदर या पशु बाड़े में चारा उगा सकते हैं. इसके लिए कंबाला मशीन इजाद की गई है, जो एक अलमारीनुमान संरचना है. इसे हाइड्रोपॉनिक्स कंबाला मशीन भी कहते हैं. सौर ऊर्जा से चलने वाली इस मशीन में एक बार चारे का बीज डालकर सालोंसाल हरा चारा उगा सकते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/f7587d9853f6102ea9c1a3361e8bfa47ddf20.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कंबाला चारा- कई पशपालकों के पास खेती योग्य जमीन नहीं होती. बाजार में पशु चारा इतना महंगा बिकता है कि पशुपालन की लागत बढ़ जाती है. ऐसी स्थिति में अब घर के अंदर या पशु बाड़े में चारा उगा सकते हैं. इसके लिए कंबाला मशीन इजाद की गई है, जो एक अलमारीनुमान संरचना है. इसे हाइड्रोपॉनिक्स कंबाला मशीन भी कहते हैं. सौर ऊर्जा से चलने वाली इस मशीन में एक बार चारे का बीज डालकर सालोंसाल हरा चारा उगा सकते हैं.
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![अजोला पशु चारा- अजोला पशु चारा कुछ और नहीं बल्कि पानी पर उगने वाली घास है. इसे पशुओं का प्रोटीन सप्लीमेंट भी कहते हैं, जिसमें लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, तांबा, मैंगनीज समेत कई खनिज तत्व पाए जाते हैं. अजोला में पशुओं के विकास और दूध की उत्पादकता बढ़ाने वाले मेन न्यूट्रिएंट्स- अमीनो एसिड, प्रोबायोटिक्स, बायो-पॉलिमर और बीटा कैरोटीन और विटामिन ए और विटामिन बी-12 भी पाया जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/9f02ef067f550497d9b6a6e47a1d4ce3f19e9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अजोला पशु चारा- अजोला पशु चारा कुछ और नहीं बल्कि पानी पर उगने वाली घास है. इसे पशुओं का प्रोटीन सप्लीमेंट भी कहते हैं, जिसमें लोहा, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, तांबा, मैंगनीज समेत कई खनिज तत्व पाए जाते हैं. अजोला में पशुओं के विकास और दूध की उत्पादकता बढ़ाने वाले मेन न्यूट्रिएंट्स- अमीनो एसिड, प्रोबायोटिक्स, बायो-पॉलिमर और बीटा कैरोटीन और विटामिन ए और विटामिन बी-12 भी पाया जाता है.
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![चारा चुकंदर- चुकंदर का नाम तो आपने सुना ही होगा. आयरन से भरपूर ये फल इंसानों में खून की मात्रा को बढ़ाता है. इसी की तर्ज पर राजस्थान के जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान पशुओं के लिए चारा चुकंदर यानी चारा बीट लेकर आया है. पशुओं में दूध बढ़ाने वाला ये चारा उगाने में 50 पैसे से भी कम लागत आती है. आप इसे बंजर जमीन पर भी उगा सकते हैं. इस चारे को सूखे चारे के साथ मिलाकर खिलाया जाता है. पशुओं पर इसके काफी अच्छे परिणाम हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/c8cb8fa90198b98d40a448b005811741bbb40.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
चारा चुकंदर- चुकंदर का नाम तो आपने सुना ही होगा. आयरन से भरपूर ये फल इंसानों में खून की मात्रा को बढ़ाता है. इसी की तर्ज पर राजस्थान के जोधपुर स्थित केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान पशुओं के लिए चारा चुकंदर यानी चारा बीट लेकर आया है. पशुओं में दूध बढ़ाने वाला ये चारा उगाने में 50 पैसे से भी कम लागत आती है. आप इसे बंजर जमीन पर भी उगा सकते हैं. इस चारे को सूखे चारे के साथ मिलाकर खिलाया जाता है. पशुओं पर इसके काफी अच्छे परिणाम हैं.
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![मक्खन घास- मक्खन घास को बरसीम से कहीं ज्यादा असरकारी बताया जाता है. इसमें 14 से 15 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जिससे पशुओं की सेहत दुरुस्त हो जाती है. साथ ही 20-25 फीसदी तक अधिक दूध उत्पादन मिलता है. इस चारे को उगाने का सबसे ज्यादा फायदा यही है कि जहां बरसीम चारे में कीड़े लगने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं मक्खन घास पर कीट-रोगों का कोई बुरा असर नहीं होता.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/10/83c601d66fd31333e0cb94a5cca3b32f5ccb9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मक्खन घास- मक्खन घास को बरसीम से कहीं ज्यादा असरकारी बताया जाता है. इसमें 14 से 15 प्रतिशत प्रोटीन होता है, जिससे पशुओं की सेहत दुरुस्त हो जाती है. साथ ही 20-25 फीसदी तक अधिक दूध उत्पादन मिलता है. इस चारे को उगाने का सबसे ज्यादा फायदा यही है कि जहां बरसीम चारे में कीड़े लगने का खतरा बढ़ जाता है. वहीं मक्खन घास पर कीट-रोगों का कोई बुरा असर नहीं होता.
Published at : 10 Apr 2023 06:04 PM (IST)
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