Herbal Farming: धान-मक्का से भी ज्यादा कमाकर देंगे ये औषधीय पौधे, जानें इनकी खेती से मालामाल होने का तरीका
हल्दी (Turmeric)- एंटी-ऑक्सीडेंट्स के गुणों से भरपूर हल्दी से कई प्रकार के संक्रमण और बीमारियों का इलाज किया जाता है. आयुर्वेद के साथ-साथ मसालों की दुनिया में हल्दी का बड़ा महत्व है. अच्छी बारिश वाले इलाकों में जल निकासी वाली दोमट मिट्टी में हल्दी की खेती करना फायदे का सौदा साबित होती है. हल्दी की व्यावसायिक खेती करके किसान अच्छी आमदनी कमा सकते हैं.
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View In Appकरी पत्ता (Curry Leaves)- करीपत्ता का इस्तेमाल मसालों के अलावा जड़ी-बूटी के तौर पर भी किया जाता है. वजन घटाने से लेकर पेट की बीमारी और एंफेक्शन में करीपत्ता का अहम रोल है. भारत के ज्यादातर घरों में करी पत्ता का पौधा जरूर लगाते हैं. बाजार में इसकी बढ़ती मांग और खपत के कारण करी पत्ता यानी मीठी नीम की खेती करके किसान मालामाल हो सकते हैं.
पुदीना (Mint)- मानसून की आर्द्रता, और थोड़े गर्म तापमान में पुदीना की खेती करके अच्छा उत्पादन ले सकते हैं. बता दें कि पुदीना का इस्तेमाल सिर्फ खाद्य पदार्थों में ही नहीं, तेल के रूप में भी किया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार में पुदीना के तेल की काफी मांग रहती है, जो कंफेश्नरी प्रॉडक्ट्स बनाने का काम में आता है. किसान चाहें तो पांरपरिक या बागवानी फसलों के साथ मेड़ों पर पुदीना की सह-फसली खेती करके भी अच्छी आमदनी कमी सकते हैं.
तुलसी (Basil)- तुलसी के औषधीय गुणों से बच्चा-बच्चा वाकिफ होता है. इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधी के साथ-साथ धार्मिक तौर पर भी काफी महत्व रखता है. वैसे तो ज्यादातर घरों में तुलसी की बागवानी जरूर करते हैं. लेकिन जड़ी-बूटी और तेल के लिये इसकी व्यावसायिक खेती या कांट्रेक्ट फार्मिंग करना भी फायदे का सौदा है.
काली मिर्च (Black Pepper)- गर्मी, बारिश और आर्द्रता वाले इलाकों में काली मिर्च की खेती से अच्छी आमदनी कमा सकते हैं. खासकर जमंगल के नजदीक स्थित उष्णकटीबंधीय इलाकों में काली मिर्च को उगाना सोना-चांदी उगदाने से कम नहीं है. बता दें कि काली मिर्च एक बेलदार जड़ी-बूटी या मसाला है, जिसकी बागवानी करके सालों साल लाखों का मुनाफा कमा सकते हैं.
तेजपत्ता (Bay Leaves)- सूखी मिट्टी में तेजपत्ता की जैविक खेती करने से अच्छा उत्पादन मिलता है. विटामिन ए, बी 6, सी, आयरन, मैंगनीज और कैल्शियम के साथ विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर तेजपत्ता को भापरतीय व्यंजनों में मसाले के तौर पर प्रयोग करते हैं. दूसरी फसलों के साथ तेजपत्ता की अंतरवर्तीय खेती करके अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
एलोवेरा (Aloe Vera)- एलोवेरा को खूबसूरती बढ़ाने वाली जादुई औषधी कहते हैं, जिसका इस्तेमाल जेल, जूस, ब्यूटी प्रॉडक्ट्स और दवा के रूप में किया जाता हैं. शानदान औषधूय गुणों के बावजूद रम निवेश में एलोवेरा की खेती कर सकते हैं. बंजर इलाकों में भी एलोवेरा की फसल लाखों का मुनाफा देती है. देश-विदेश में बढ़ती मांग का कारण एलोवेरा की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है.
अजवाइन (Celery)- अजवाइन एक गुच्छे पौधा है, जिसे मसाले और औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के कारण रक्तचाप से लेकर पेट संबंधी बीमारियों में काफी राहत मिलती है. देश-विदेश में इसकी काफी मांग कहती है, इसलिये किसान अजवाइन की औषधीय खेती भी कर सकते हैं.
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