October Crops: अक्टूबर में करेंगे बुवाई तो होगी बंपर कमाई, इन फसलों की खेती के लिये अच्छा है समय
Rabi seasonal Crops: भारत में खेती और किसानों के लिहाज से अक्टूबर का महीना बेहद खास होता है. इस समय खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही रबी फसलों की बुवाई की जाती है, इसलिये किसानों को मिट्टी की जांच से लेकर खेत को तैयार करने में सावधानियां बरतनी चाहिये. बुवाई से पहले खाद-बीज का सही इस्तेमाल और सिंचाई की सही व्यवस्था करके भी रबी फसलों से बेहतर उत्पादन ले सकते हैं. अक्टूबर माह में खाद्यान्न फसलें से लेकर फल, सब्जी और कुछ औषधीय फसलों की बुवाई की जाती है. इन फसलों में अरहर, मूंगफली, शीतकालीन मक्का, शरदकालीन गन्ना, तोरिया, राई सरसों, चना, मटर, बरसीम, गेहूं, जौ आदि शामिल है, जिनकी खेती करके किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
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View In Appगेहूं की खेती- गेहूं न सिर्फ भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसल है, बल्कि रबी सीजन की भी नकदी फसल है. धान की कटाई के बाद ज्यादातर किसान गेहूं की फसल लगाते हैं. इसकी बुवाई 20 अक्टूबर से शुरू की जाती है. बेहतर पैदावार के लिये खेत को जैविक विधि से तैयार करके मिट्टी में खरपतवारनाशी दवा डालने की सलाह दी जाती है. भारत में गेहूं की कई देसी और हाइब्रिड किस्में मौजूद है.
मक्का की खेती- मक्का भी एक प्रमुख नकदी फसल है. आधुनिक खान-पान के चलते बाजार में इसकी डिमांड बढ़ती जा रही है. किसान चाहें तो मक्का की साधारण प्रजातियों की जगह स्वीट कॉर्न और बेबीकॉर्न की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. अक्टूबर के तीसरे सप्ताह से लेकर नवंबर का पहला सप्ताह तक मक्का की बुवाई करने के बाद अप्रैल-नई तक फसल पककर तैयार हो जाती है. बता दें कि इस फसल में बीमारियां लगाने की संभावना कम ही रहती है, जिससे किसानों को कम लागत में अच्छी आमदनी मिल जाती है.
गेहूं की खेती- गेहूं ना सिर्फ भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसल है, बल्कि रबी सीजन की भी नकदी फसल है. धान की कटाई के बाद ज्यादातर किसान गेहूं की फसल लगाते हैं. इसकी बुवाई 20 अक्टूबर से शुरू की जाती है. बेहतर पैदावार के लिये खेत को जैविक विधि से तैयार करके मिट्टी में खरपतवारनाशी दवा डालने की सलाह दी जाती है. भारत में गेहूं की कई देसी और हाइब्रिड किस्में मौजूद है.
चना की खेती- देश-दुनिया में पोषक अनाजों की बढ़ती डिमांड के बीच चना की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकता है. इसकी बुवाई के लिये अक्टूबर का दूसरा सप्ताह सबसे सही रहता है. इस बीच चना की उन्नत किस्मों का बीज उपचार करके ही बुवाई का काम करना चाहिये. फसल में कीट-रोग और खरपतवार को बढ़ने से रोकने के लिये खेत की तैयारी के समय ही गहरी जुताई लगाई जाती है.
राई-सरसों- प्रमुख तिलहनी फसल सरसों और राई की खेती के लिये भी अक्टूबर का महीना सबसे उपयुक्त रहता है. इन फसलों की खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन करके किसान डबल आमदनी ले सकते हैं. अच्छी सिंचाई से सरसों की फसल में अधिक तेल बनता है. सरसों की खेती से पहले मिट्टी की जांच के आधार पर ही खाद-उर्वरकों का इस्तेमाल करना चाहिये. वहीं छिड़काव विधि के बजाय कतारों में सरसों की बिजाई करनी चाहिये.
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