एक्सप्लोरर
गर्मियों में खूब होती है मौसंबी की खपत, जानिए कैसे मौसंबी की खेती से कमाएं मुनाफा
Mosambi Farming: किसान अब कई फलों की खेती कर रहे हैं. जिनमें मौसंबी भी काफी मुनाफे की खेती निकलकर सामने आई है. चलिए जानते हैं कैसे कर सकते हैं मौसंबी की खेती.
![Mosambi Farming: किसान अब कई फलों की खेती कर रहे हैं. जिनमें मौसंबी भी काफी मुनाफे की खेती निकलकर सामने आई है. चलिए जानते हैं कैसे कर सकते हैं मौसंबी की खेती.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/23/ef1cbbf848115a70f5067d93aa192dab1711197305568907_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
किसान अब परंपरागत खेती को छोड़कर अलग-अलग तरह की खेती कर रहे हैं. जिनमें किसानों का फलों की खेती की तरफ भी रुझान काफी बढ़ा है.
1/6
![किसान अब कई फलों की खेती कर रहे हैं. जिनमें मौसंबी भी काफी मुनाफे की खेती निकलकर सामने आई है. चलिए जानते हैं कैसे कर सकते हैं मौसंबी की खेती.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/23/156005c5baf40ff51a327f1c34f2975becdd2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
किसान अब कई फलों की खेती कर रहे हैं. जिनमें मौसंबी भी काफी मुनाफे की खेती निकलकर सामने आई है. चलिए जानते हैं कैसे कर सकते हैं मौसंबी की खेती.
2/6
![मौसंबी की खेती करने के लिए दोमट मिट्टी सही रहती है. जिसमें उचित जल निकासी होनी चाहिए. इसकी खेती के लिए जमीन 1.5 से 2 मीटर गहराई वाली सही रहती है. इसके लिए मिट्टी 5.5 से 7.5 P.H. मान वाली होनी चाहिए.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/23/799bad5a3b514f096e69bbc4a7896cd916426.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मौसंबी की खेती करने के लिए दोमट मिट्टी सही रहती है. जिसमें उचित जल निकासी होनी चाहिए. इसकी खेती के लिए जमीन 1.5 से 2 मीटर गहराई वाली सही रहती है. इसके लिए मिट्टी 5.5 से 7.5 P.H. मान वाली होनी चाहिए.
3/6
![मौसंबी की खेती गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसमों में की जा सकती है. मौसंबी की कई तरह की किस्में होती है जिनकी खेती की जा सकती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/23/d0096ec6c83575373e3a21d129ff8fef13c90.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मौसंबी की खेती गर्मी और सर्दी दोनों ही मौसमों में की जा सकती है. मौसंबी की कई तरह की किस्में होती है जिनकी खेती की जा सकती है.
4/6
![मौसंबी के पौधों की रेगुलर अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए. ड्रिप से इन पौधों की सिंचाई करनी चाहिए. गर्मी में 5 से 10 दिन के भीतर तो वहीं सर्दियों में 10 से 15 दिन के समय-समय पर पानी देना चाहिए. बारिश में इस बात को ध्यान रखना चाहिए की खेत में पानी ना भरे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/23/032b2cc936860b03048302d991c3498f40a52.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मौसंबी के पौधों की रेगुलर अंतराल पर सिंचाई करनी चाहिए. ड्रिप से इन पौधों की सिंचाई करनी चाहिए. गर्मी में 5 से 10 दिन के भीतर तो वहीं सर्दियों में 10 से 15 दिन के समय-समय पर पानी देना चाहिए. बारिश में इस बात को ध्यान रखना चाहिए की खेत में पानी ना भरे.
5/6
![मौसंबी के पेड़ लगने के 3 साल बाद फल देना शुरू कर देते हैं. तो वहीं 5 साल के भीतर बेचने लायक खेप तैयार हो जाती है. मौसंबी का 4 साल का एक पेड़ 20 से 30 किलोग्राम मौसंबी देता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/23/18e2999891374a475d0687ca9f989d837cb33.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मौसंबी के पेड़ लगने के 3 साल बाद फल देना शुरू कर देते हैं. तो वहीं 5 साल के भीतर बेचने लायक खेप तैयार हो जाती है. मौसंबी का 4 साल का एक पेड़ 20 से 30 किलोग्राम मौसंबी देता है.
6/6
![5 साल बाद इसकी पैदावार और बढ़ जाती है. 150 पेड़ भी लगाए है, तो आपको 75 क्विंटल उपज मिल सकती है. बाजार में मोसंबी की कीमतों की बात की जाए तो यह ₹40 से लेकर ₹70 किलोग्राम तक बिक जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/03/23/fe5df232cafa4c4e0f1a0294418e566064e22.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
5 साल बाद इसकी पैदावार और बढ़ जाती है. 150 पेड़ भी लगाए है, तो आपको 75 क्विंटल उपज मिल सकती है. बाजार में मोसंबी की कीमतों की बात की जाए तो यह ₹40 से लेकर ₹70 किलोग्राम तक बिक जाता है.
Published at : 23 Mar 2024 06:07 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
महाराष्ट्र
बॉलीवुड
टेक्नोलॉजी
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)
![रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार](https://feeds.abplive.com/onecms/images/author/e4a9eaf90f4980de05631c081223bb0f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=70)
रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion