मुर्रा भैंस है किसानों के लिए काला सोना, अब सरकार भी दे रही खरीद पर 50% की छूट
पशुपालकों के लिए मुर्रा भैंस किसी वरदान से कम नहीं है. ये इतना दूध देती है कि साल भर में किसान लखपति बन जाते हैं. दरअसल, इस नस्ल की भैंस बड़े आराम से 15 से 20 लीटर दूध दे देती है.
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View In Appयह भैंस की सबसे लोकप्रिय नस्ल है, जो हरियाणा के रोहतक, हिसार और जींद जिले के साथ-साथ पंजाब के पटियाला और नाभा में पाई जाती है.
इन भैसों को अच्छे दूध उत्पादन के लिये मक्का, गेहूं, जौं, जई और बाजरा के दानों के साथ-साथ तेल बीजों की खल खिलाई जाती है.
दूसरे पशुओं की तरह मुर्रा भैंस को भी रहने के लिये आरामदायक बाड़े की जरूरत पड़ती है. जिससे कि भैंस को सर्दी, गर्मी और बारिश की मार से बचाया जा सके. बाड़े में साफ-सफाई रखना बेहद जरूरी है. मच्छरों का प्रकोप होने पर बाड़े में मच्छरदानी भी लगा सकते हैं.
बरसात के मौसम में इनका खास ख्याल रखा जाता है. दरअसल, बरसाती मौसम में पशुओं को खुरपका-मुंहपका और गलघोंटू रोगों की संभावना बढ़ जाती है, जिससे बचाव के लिये उन्हें समय-समय पर टीके लगवायें और पेट की कीड़े की दवा देते रहें.
आपको बता दें अगर आप इस भैंस को खरीदना चाहते हैं तो आपको इसके लिए एक लाख रुपये तक खर्च करने पड़ सकते हैं. हालांकि, इसमें एक खुशी की बात ये है कि जब आप ये भैंस खरीददते हैं तो आपको भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय गोकुल मिशन और पशु किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए 50 फीसदी की सब्सिडी दी जा रही है. यानी आपको ये एक लाख की भैंस 50 हजार में मिलेगी.
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