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Rain Based farming: धान-मक्का नहीं, इन खास फूलों की खेती से होगी लाखों की कमाई, जानें कैसे
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फूलों की खेती (फाइल तस्वीर)
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![गेंदा का फूल: शादी या धार्मिंक अनुष्ठानों में सबसे ज्यादा मांग गेंदा के फूल की होती है. पीले रंग का गेंदा खुशबूदार और आकर्षक तो होता ही है, साथ ही बारिश में इसकी खेती करने के अलग ही फायदे होते हैं. दुनियाभर में इसकी 50 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन गेंदा का अमेरिकन मेरीगोल्ड, फ्रेंच मेरीगोल्ड, सिग्नेट मेरीगोल्ड या इंग्लिश मेरीगोल्ड आदि की बाजार में काफी मांग रहती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/04/2a65898bad72b2a0d1287fb45b5b418ed2d8f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गेंदा का फूल: शादी या धार्मिंक अनुष्ठानों में सबसे ज्यादा मांग गेंदा के फूल की होती है. पीले रंग का गेंदा खुशबूदार और आकर्षक तो होता ही है, साथ ही बारिश में इसकी खेती करने के अलग ही फायदे होते हैं. दुनियाभर में इसकी 50 से भी ज्यादा प्रजातियां पाई जाती हैं, लेकिन गेंदा का अमेरिकन मेरीगोल्ड, फ्रेंच मेरीगोल्ड, सिग्नेट मेरीगोल्ड या इंग्लिश मेरीगोल्ड आदि की बाजार में काफी मांग रहती है.
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![गुड़हल एक सदाबहार फूल है जो पूरे साल खिल-खिलाकर आकर्षण का केंद्र बनता है, लेकिन बरसात के मौसम में गुड़हल की व्यावसायिक खेती करने से अच्छी पैदावार मिलती है. इसमें मौजूद औषधीय गुण स्किन और कई बीमारियों के लिये रामबाण का काम करते हैं. इसलिये कई कंपनियां कांट्रेक्ट देकर गुडहल की खेती करवाती हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/04/a1c75314da577ba0e3a696d2288add0cba3d5.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गुड़हल एक सदाबहार फूल है जो पूरे साल खिल-खिलाकर आकर्षण का केंद्र बनता है, लेकिन बरसात के मौसम में गुड़हल की व्यावसायिक खेती करने से अच्छी पैदावार मिलती है. इसमें मौजूद औषधीय गुण स्किन और कई बीमारियों के लिये रामबाण का काम करते हैं. इसलिये कई कंपनियां कांट्रेक्ट देकर गुडहल की खेती करवाती हैं.
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![गुलाब: बेहतरीन खुशबू और इसके गुणों के कारण ही गुलाब को फूलों का राजा कहते हैं. भारत के हर छोटे-मोटे कार्यक्रम में गुलाब के फूलों की भर-भरकर मांग होती है. यही कारण है कि बरसात के मौसम में इसकी खेती करने के अलग ही फायदे होते हैं. खेतों में एक बार अच्छी किस्म के गुलाब लगाने पर ये अगले 7-10 सालों तक मोटी आमदनी देते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/04/d6abf0e4d512195f35d0525ba540d112ea844.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गुलाब: बेहतरीन खुशबू और इसके गुणों के कारण ही गुलाब को फूलों का राजा कहते हैं. भारत के हर छोटे-मोटे कार्यक्रम में गुलाब के फूलों की भर-भरकर मांग होती है. यही कारण है कि बरसात के मौसम में इसकी खेती करने के अलग ही फायदे होते हैं. खेतों में एक बार अच्छी किस्म के गुलाब लगाने पर ये अगले 7-10 सालों तक मोटी आमदनी देते हैं.
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![कमल: त्यौहार और धार्मिक आयोजनों में कमल की काफी मांग रहती है. इसकी खेती के लिये जुलाई-अगस्त का महीना सबसे बेहतर रहता है, क्योंकि बारिश से इसकी बढ़वार में काफी मदद मिलती है. इसकी अच्छी पैदावार के लिये मध्यम जलवायु ठीक रहती है. किसान चाहें तो बीज या फिर कलम के जरिये कमल के फूल की खेती कर सकते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/04/6e3a947076fac3db37b311fc6be141f990d7b.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
कमल: त्यौहार और धार्मिक आयोजनों में कमल की काफी मांग रहती है. इसकी खेती के लिये जुलाई-अगस्त का महीना सबसे बेहतर रहता है, क्योंकि बारिश से इसकी बढ़वार में काफी मदद मिलती है. इसकी अच्छी पैदावार के लिये मध्यम जलवायु ठीक रहती है. किसान चाहें तो बीज या फिर कलम के जरिये कमल के फूल की खेती कर सकते हैं.
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![गुल मेहंदी: रंग-बिरगें गुलमेहंदी के फूल काफी खुशबूदार होते हैं. इनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल साबुन, दवायें और परफ्यूम और ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बनाने में किया जाता है. ये फूल 20-60 इंच लंबे और इनके पत्ते सुंई जैसे दिखते हैं. वैसे तो ये फूल सिर्फ बरसात और सर्दियों में ही बेहतर ढंग से खिलते हैं, लेकिन बैंगनी, गुलाबी, नीला और सफेद के इन फूलों की मांग साल भर बाजार में बनी रहती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/04/b200d12e6c4fad71baa5d06a50ab085221bd8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
गुल मेहंदी: रंग-बिरगें गुलमेहंदी के फूल काफी खुशबूदार होते हैं. इनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल साबुन, दवायें और परफ्यूम और ब्यूटी प्रॉडक्ट्स बनाने में किया जाता है. ये फूल 20-60 इंच लंबे और इनके पत्ते सुंई जैसे दिखते हैं. वैसे तो ये फूल सिर्फ बरसात और सर्दियों में ही बेहतर ढंग से खिलते हैं, लेकिन बैंगनी, गुलाबी, नीला और सफेद के इन फूलों की मांग साल भर बाजार में बनी रहती है.
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![मोंगरा: भारत के अगरबत्ती व्यवसायों में मोंगरे का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसके फूलों की खुशबू साइनस जैसी बीमारियों को भी दूर कर देती है. इसकी खेती के लिये गर्मी और बरसात का समय सबसे अच्छा रहता है, क्योंकि इस दौरान पौधे और फूलों को बढ़ने के लिये अच्छी जलवायु मिल जाती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/04/0821db359eefaf9d439097190cd20b63e9de9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मोंगरा: भारत के अगरबत्ती व्यवसायों में मोंगरे का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर किया जाता है. इसके फूलों की खुशबू साइनस जैसी बीमारियों को भी दूर कर देती है. इसकी खेती के लिये गर्मी और बरसात का समय सबसे अच्छा रहता है, क्योंकि इस दौरान पौधे और फूलों को बढ़ने के लिये अच्छी जलवायु मिल जाती है.
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![सूरजमुखी धरती पर उगने वाला एक नायाब फूल है, जिसका इस्तेमाल तेल से लेकर कई जरूरी चीजों में किया जाता है. सूरजमुखी की सबसे बड़ी खासियत है कि ये फूल अपने मुंह को हमेशा सूरज की तरफ ही रखते हैं. यही कारण है कि इसका नाम सूरजमुखी रखा गया है. ये फूल दिखने में जितने आकर्षक और खूशबूदार होते हैं, उतने ही सेहत के लिये भी लाभकारी होते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/04/3653c3d9680310910e954413c32ce15a54f80.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सूरजमुखी धरती पर उगने वाला एक नायाब फूल है, जिसका इस्तेमाल तेल से लेकर कई जरूरी चीजों में किया जाता है. सूरजमुखी की सबसे बड़ी खासियत है कि ये फूल अपने मुंह को हमेशा सूरज की तरफ ही रखते हैं. यही कारण है कि इसका नाम सूरजमुखी रखा गया है. ये फूल दिखने में जितने आकर्षक और खूशबूदार होते हैं, उतने ही सेहत के लिये भी लाभकारी होते हैं.
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![चमेली को आम भाषा में रात रानी के नाम से भी जानते हैं. सफेद, गुलाबी और पीले रंग की वैरायटी वाले ये फूल भारत के साथ-साथ विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हैं. इनका इस्तेमाल इत्र से लेकर तेल बनाने में भी किया जाता है. इसकी व्यावसायिक खेती के लिये बरसात का मौसम सबसे बेहतर रहता है. इस दौरान चमेली के पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फूलों का सबसे अच्छा उत्पादन मिलता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/07/04/c2187d98fd5c6becd0a724b968bbce7adddc9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
चमेली को आम भाषा में रात रानी के नाम से भी जानते हैं. सफेद, गुलाबी और पीले रंग की वैरायटी वाले ये फूल भारत के साथ-साथ विदेशों में भी काफी लोकप्रिय हैं. इनका इस्तेमाल इत्र से लेकर तेल बनाने में भी किया जाता है. इसकी व्यावसायिक खेती के लिये बरसात का मौसम सबसे बेहतर रहता है. इस दौरान चमेली के पौधे तेजी से बढ़ते हैं और फूलों का सबसे अच्छा उत्पादन मिलता है.
Published at : 05 Jul 2022 07:16 AM (IST)
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion