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Oilseed Farming: कम लागत में ही तेल के भंडार भर देंगी ये 10 तिलहनी फसलें, टूट जाएंगे कमाई के सभी रिकॉर्ड

Oilseed Crops: देश में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने की कवायद की जा रही है, इसलिए आज हम आपको कैश क्रॉप के नाम से मशहूर उन तिलहनी फसलों की जानकारी देंगे, जो कम खर्च में ही किसानों को मालामाल बना सकती हैं.

Oilseed Crops: देश में तिलहन का उत्पादन बढ़ाने की कवायद की जा रही है, इसलिए आज हम आपको कैश क्रॉप के नाम से मशहूर उन तिलहनी फसलों की जानकारी देंगे, जो कम खर्च में ही किसानों को मालामाल बना सकती हैं.

कैश क्रॉप के नाम से मशहूर टॉप 10 तिलहनी फसलें तेल के भंडार के साथ बढ़ाएंगी किसानों की आमदनी

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अलसी के बीज- कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में असली की खेती प्रमुख तौर पर की जाती है. असली दो रंग की होती है, भूरा और पीला. इन दोनों किस्मों की खेती के लिए अच्छी उपजाऊ और नमीदार मिट्टी उपयुक्त रहती है, जिससे असली का अच्छा उत्पादन मिले और ज्यादा मात्रा में तेल निकला आए. आमतौर पर असली के तेल का इस्तेमाल अलसी पेंट, वार्निश, छपाई और अन्य उत्पादों में किया जाता है. वैसे तो असली से भी फूड ऑइल निकलता है, लेकिन भारत में लोग इसके तेल को कम ही खाना पंसद करते हैं.
अलसी के बीज- कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन में असली की खेती प्रमुख तौर पर की जाती है. असली दो रंग की होती है, भूरा और पीला. इन दोनों किस्मों की खेती के लिए अच्छी उपजाऊ और नमीदार मिट्टी उपयुक्त रहती है, जिससे असली का अच्छा उत्पादन मिले और ज्यादा मात्रा में तेल निकला आए. आमतौर पर असली के तेल का इस्तेमाल अलसी पेंट, वार्निश, छपाई और अन्य उत्पादों में किया जाता है. वैसे तो असली से भी फूड ऑइल निकलता है, लेकिन भारत में लोग इसके तेल को कम ही खाना पंसद करते हैं.
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कपास के बीज- कपास के बीजों को बिनैला कहते हैं. इससे निकलने वाला तेल खाना बनाने में इस्तेमाल होता है. कई देशों में सलाद की ड्रेसिंग के लिए भी इस तेल का इस्तेमाल होता है. बिनौला भी अपने आप में एक बड़ी नकदी फसल है, जिसका उत्पादन  पूरी दुनिया में होता है. कई देशों में भारत से ही बिनौला ऑइल या बिनौला कैटल फीड निर्यात होती है.
कपास के बीज- कपास के बीजों को बिनैला कहते हैं. इससे निकलने वाला तेल खाना बनाने में इस्तेमाल होता है. कई देशों में सलाद की ड्रेसिंग के लिए भी इस तेल का इस्तेमाल होता है. बिनौला भी अपने आप में एक बड़ी नकदी फसल है, जिसका उत्पादन पूरी दुनिया में होता है. कई देशों में भारत से ही बिनौला ऑइल या बिनौला कैटल फीड निर्यात होती है.
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तिल के बीज- तिल के बीज बेहद छोटे होते हैं. इसके तेल का इस्तेमाल भी पूजा-पाठ से लेकर खाना बनाने, त्वचा और बालों की देखभाल के लिए किया जाता है. किसी भी बीज के मुकाबले तिल में ज्यादा तेल मौजूद होता है. अच्छी क्वालिटी के तिल के लिए उन्नत बीज, उपजाऊ और नमीदार मिट्टी का होना जरूरी है. इसकी अच्छी पैदावार किसानों के लिए मददगार साबित हो सकती है.
तिल के बीज- तिल के बीज बेहद छोटे होते हैं. इसके तेल का इस्तेमाल भी पूजा-पाठ से लेकर खाना बनाने, त्वचा और बालों की देखभाल के लिए किया जाता है. किसी भी बीज के मुकाबले तिल में ज्यादा तेल मौजूद होता है. अच्छी क्वालिटी के तिल के लिए उन्नत बीज, उपजाऊ और नमीदार मिट्टी का होना जरूरी है. इसकी अच्छी पैदावार किसानों के लिए मददगार साबित हो सकती है.
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बदाम गिरी- वैसे तो बदाम एक मेवा है, लेकिन इससे तेल भी निकाला जाता है. बादाम के तेल में कई औषधीय गुण होते हैं. यही वजह है कि बाजार में बादाम के तेल की अच्छी-खासी डिमांड होती है. लोग बादाम के तेल को खाने से लेकर बॉडी पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. कई कॉस्मेटिक उत्पादों से लेकर फूड प्रॉडक्ट्स में भी बादाम के तेल का इस्तेमाल हो रहा है. बाजार में बादाम का तेल 1,500 रुपये प्रति लीटर तक के भाव पर बिकता है.
बदाम गिरी- वैसे तो बदाम एक मेवा है, लेकिन इससे तेल भी निकाला जाता है. बादाम के तेल में कई औषधीय गुण होते हैं. यही वजह है कि बाजार में बादाम के तेल की अच्छी-खासी डिमांड होती है. लोग बादाम के तेल को खाने से लेकर बॉडी पर लगाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं. कई कॉस्मेटिक उत्पादों से लेकर फूड प्रॉडक्ट्स में भी बादाम के तेल का इस्तेमाल हो रहा है. बाजार में बादाम का तेल 1,500 रुपये प्रति लीटर तक के भाव पर बिकता है.
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सोयबीन के बीज- पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले तेल में सोयाबीन के तेल का नाम भी शामिल है. आज के समय में ज्यादातर फूड ऑइल सोयाबीन से ही बनते हैं. देश-विदेश में सोयाबीन की अच्छी-खासी डिमांड है. यह फसल 60 से 70 दिन के अंदर तैयार हो जाती है, जिससे सोया मिल्क, सोया पनीर और सोया ऑइल बनाया जाता है. इससे बना हर प्रॉडक्ट बाजार में ऊंचे दामों पर बिकता है.
सोयबीन के बीज- पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले तेल में सोयाबीन के तेल का नाम भी शामिल है. आज के समय में ज्यादातर फूड ऑइल सोयाबीन से ही बनते हैं. देश-विदेश में सोयाबीन की अच्छी-खासी डिमांड है. यह फसल 60 से 70 दिन के अंदर तैयार हो जाती है, जिससे सोया मिल्क, सोया पनीर और सोया ऑइल बनाया जाता है. इससे बना हर प्रॉडक्ट बाजार में ऊंचे दामों पर बिकता है.
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अरंडी के बीज- भारत में अरंडी की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. इसके बीजों से तेल को निष्कासित करके बालों की देखभाल, त्वचा की देखभाल और तमाम ब्यूटी प्रॉडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है. बाकी तेलों के मुकाबले अरंडी के तेल में काफी चिपचिपाहट होती है. बाजार में अरंडी के तेल की अच्छी-खासी डिमांड होती है.
अरंडी के बीज- भारत में अरंडी की खेती भी बड़े पैमाने पर की जाती है. इसके बीजों से तेल को निष्कासित करके बालों की देखभाल, त्वचा की देखभाल और तमाम ब्यूटी प्रॉडक्ट्स में इस्तेमाल किया जाता है. बाकी तेलों के मुकाबले अरंडी के तेल में काफी चिपचिपाहट होती है. बाजार में अरंडी के तेल की अच्छी-खासी डिमांड होती है.
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मूंगफली की गिरी- मूंगफली को कच्चा बदाम भी कहते हैं. इसके तेल का इस्तेमाल फूड ऑइल के तौर पर किया जाता है. ये तेल भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद रहता है. लोग सर्दियों में मूंगफली के तेल का खूब इस्तेमाल करते हैं. बाजार में मंगफली का तेल 500 से 700 रुपये लीटर तक के भाव पर बिकता है.
मूंगफली की गिरी- मूंगफली को कच्चा बदाम भी कहते हैं. इसके तेल का इस्तेमाल फूड ऑइल के तौर पर किया जाता है. ये तेल भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद रहता है. लोग सर्दियों में मूंगफली के तेल का खूब इस्तेमाल करते हैं. बाजार में मंगफली का तेल 500 से 700 रुपये लीटर तक के भाव पर बिकता है.
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पाम की गिरी- पाम तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन पाम ऑइल भी चलाया जा रहा है, जिसके तहत पाम की खेती के लिए सरकार सब्सिडी भी देती है. इस तेल का इस्तेमाल मार्जरीन, शॉर्टिंग, खाना पकाने के तेल, कन्फेक्शनरी वसा में इस्तेमाल किया जाता है. खाद्य उत्पादों के अलावा भी पाम ऑइल के कई काम होते हैं.
पाम की गिरी- पाम तेल का उत्पादन बढ़ाने के लिए मिशन पाम ऑइल भी चलाया जा रहा है, जिसके तहत पाम की खेती के लिए सरकार सब्सिडी भी देती है. इस तेल का इस्तेमाल मार्जरीन, शॉर्टिंग, खाना पकाने के तेल, कन्फेक्शनरी वसा में इस्तेमाल किया जाता है. खाद्य उत्पादों के अलावा भी पाम ऑइल के कई काम होते हैं.
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सूरजमुखी के बीज- सूखा और गर्मी में भी सूरजमुखी के पौधे जस के तस खड़े रहते हैं. ये गर्मी में ज्यादा अच्छी तरह खिलते हैं. सूरजमुखी के फूल से ही बीज मिलते हैं, जिनसे तेल निकाला जाता है. सूरजमुखी के बीजों में 35% नमी होती है. उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सूरजमुखी की खेती की जाती है.
सूरजमुखी के बीज- सूखा और गर्मी में भी सूरजमुखी के पौधे जस के तस खड़े रहते हैं. ये गर्मी में ज्यादा अच्छी तरह खिलते हैं. सूरजमुखी के फूल से ही बीज मिलते हैं, जिनसे तेल निकाला जाता है. सूरजमुखी के बीजों में 35% नमी होती है. उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सूरजमुखी की खेती की जाती है.
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सरसों के बीज- देश के लगभग हर घर में सरसों का तेल मिल ही जाता है. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में सरसों की खपत कितने बड़े पैमाने पर है, लेकिन इसकी खेती सिर्फ रबी सीजन में की जाती है भारत के अलावा  संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, नेपाल, हंगरी में भी सरसों की खेती बड़े लेवल पर होती है. इस साल भारत में सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिए गए हैं. सरसों के बाजार भाव भी काफी ज्यादा हैं. सरसों की कीमतों ने ही इस साल किसानों को ये फसल लगाने के लिए काफी प्रेरित किया है.
सरसों के बीज- देश के लगभग हर घर में सरसों का तेल मिल ही जाता है. इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत में सरसों की खपत कितने बड़े पैमाने पर है, लेकिन इसकी खेती सिर्फ रबी सीजन में की जाती है भारत के अलावा संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, नेपाल, हंगरी में भी सरसों की खेती बड़े लेवल पर होती है. इस साल भारत में सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिए गए हैं. सरसों के बाजार भाव भी काफी ज्यादा हैं. सरसों की कीमतों ने ही इस साल किसानों को ये फसल लगाने के लिए काफी प्रेरित किया है.

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