Agriculture App: किसानों के काम को आसान बना देंगे ये मोबाइप एप, मिनटों में निपट जायेगा घंटों का काम
Top Agriculture Mobile Applications: अभी तक खेती-किसानी एक अनिश्चितताओं और जोखिम भरा काम होता था, जहां फसलों पर संकट के बादल मंडराते रहते थे. चाहे वो बेमौसम बारिश हो, सूखा हो या कीट-रोगों का प्रकोप, ये सभी समस्यायें फसलों के उत्पादन और क्वालिटी को काफी हद तक प्रभावित करती थी, लेकिन आज हमारे बीच खेती की नई तकनीकें आ चुकी हैं, जिनकी मदद से समय रहते समस्याओं का समाधान कर सकते हैं. ये समाधान दरसअल खेती-किसानी के मोबाइल एपलिकेशन हैं, जो घर बैठे किसानों को खेती से जुड़ी समस्याओं के प्रति अलर्ट कर देते हैं, इसलिये हर किसान के मोबाइल में ये मोबाइल एपलिकेशन जरूर होने चाहिये.
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View In Appपूसा कृषि एप- ये एपलिकेशन ICAR_IARI यानी पूसा संस्थान ने वैज्ञानिकों द्वारा लॉन्च किया गया है, जिसकी मदद से किसान सीधा विशेषज्ञों से जुड़कर समस्याओं का समाधान कर सकते हैं. यह एप खेती की नई तकनीकों, उन्नत किस्मों के साथ-साथ मौसम से जुड़ी जानकारी और मौसम आधारित खेती के बारे में किसानों को जागरुक करता है. फसलों की वैज्ञानिक खेती और समस्याओं के वैज्ञानिक समाधान भी इस एपलिकेशन पर मौजूद हैं.
आत्मनिर्भर कृषि एप- भारत में आत्मनिर्भर अभियान को खेती से जोड़कर आत्मनिर्भर कृषि एपलिकेशन लॉन्च किया गया है, जिस पर खेती-किसानी से जुड़ी A to Z जानकारियां और समस्याओं के संयुक्त समाधान मौजूद है. यह मोबाइल एप, मौसम पूर्वानुमान, मौसम आधारित खेती, फसलों की जानकारी, मिट्टी की सेहत, भू-जल स्तर और पानी की उपलब्धता के साथ-साथ फसलों की समस्या, उनका विकास और कीट रोग संक्रमण की जानकारी भी प्रदान करता है.
पीएम किसान एप- यह मोबाइल एप किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से जोड़ता है. इस एप के जरिये किसान घर बैठे अपनी आने वाली किश्त यानी आर्थिक सहायता की राशि का जायजा ले सकते हैं. इस मोबाइल एप से जुड़कर नये किसान अपना रजिस्ट्रेशन करना सकते हैं और पुराने लाभार्थी किसान आधार कार्ड, पेन कार्ड, मोबाइल नंबर और केवाईसी के जरिये पीएम किसान की किश्तों का स्टेटस जांच सकते हैं.
कृषि ज्ञान एप- इस एप में खेती-किसानी के अलावा पशुपालन, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन और मुर्गी पालन से जुड़े ग्रामीणों के लिये भी जानकारियां मौजूद हैं. इस एप में फसल उत्पादन की उन्नत तकनीक, बीज, खाद-उर्वरक और खेती की नई तकनीकों की ट्रेनिंग और फसल की मार्केटिंग से जुड़ी जानकारियां मौजूद हैं. इसकी मदद से किसान कटाई उपरांत प्रबंधन, फसलों का कीट, रोग और खरपतवार नियंत्रण कार्य की समझ भी ले सकते हैं.
ई-नाम एप- किसानों को एमएसपी पर ऑनलाइन फसलों की खरीद-बिक्री की सुविधा देने के लिये ही ई-नाम का इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग पोर्टल और एप लॉन्च किया है. इस एप से सीधा राष्ट्रीय कृषि बाजार और किसानों को जोड़ा जाता है. इस एप के जरिये किसान अपनी नजदीकी मंडी या दूसरे राज्यों की मंडियों को घर बैठे एक्सिस कर सकते हैं. फसलों की बिक्री का मूल्य निर्धारित कर सकते हैं और बोली लगाकर फसलों को बेच भी सकती हैं.
किसान सभा एप- कितना अच्छा होगा यदि किसान घर बैठे ही अफनी फसलों को मंडियों तक पहुंचा दें. अब ये काम किसान सभा एपलिकेशन की वजह से मुमकिन हो पाया है. ये एप किसानों को फसलों की बुवाई से लेकर फसल प्रबंधन, फसल कटाई और उपज की बिक्री के अलावा नजदीकी मंडी में फसलों के भाव, फसल परिवहन की सेवा, कोल्ड़ स्टोरेज की बुकिंग और कीटनाशकों के साथ-साथ बीजों तक की खरीद की ऑनलाइन सुविधा भी प्रदान करता है.
पशु पोषण एप- खेती-किसानी में पशुओं का भी तो अहम रोल है, इसलिये राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने भी पशु पोषण मोबाइल एप लॉन्च किया है, जिसकी मदद से पशुओं की प्रोफाइल यानी किस्म, उम्र, दूध उत्पादन, दूध वसा, और दूध की खपत के आधार पर पशुओं के पोषण और आहार संबंधाी जानकारियां हासिल कर सकते हैं. इस एप में दूध उत्पादन बढ़ाने और पशुओं को सेहतमंद बनाने के नुस्खे भी शामिल है.
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