एक्सप्लोरर
ये 8 सखियां राधारानी का रखती थीं विशेष ध्यान, सखी ललिता को था इस चीज का विशेष ज्ञान
Radha Story: राधा का जब जिक्र आता है तो उनकी सखियों का भी जिक्र आता है. राधा की ये सखियां राधा का पूरा ध्यान रखती थीं. आइए जानते हैं राधा की प्रिय सखियों के बारे में-
![Radha Story: राधा का जब जिक्र आता है तो उनकी सखियों का भी जिक्र आता है. राधा की ये सखियां राधा का पूरा ध्यान रखती थीं. आइए जानते हैं राधा की प्रिय सखियों के बारे में-](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/6f0ec6a9bf5c65d285dc599e34f558b71686133254645750_original.png?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
राधारानी की आठ सखियां
1/9
![Radha: राधा की सखियां राधा का पूरा ध्यान रखती थीं. आइए जानते हैं राधा की प्रिय सखियों के बारे में- राधारानी की आठ सखियां थीं, जिन्हे अष्टसखी कहा जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/66cc16885e5917caccd4f1b52421d88436937.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Radha: राधा की सखियां राधा का पूरा ध्यान रखती थीं. आइए जानते हैं राधा की प्रिय सखियों के बारे में- राधारानी की आठ सखियां थीं, जिन्हे अष्टसखी कहा जाता है.
2/9
![राधा रानी की सबसे करीबी सखियों में ललिता देवी, विशाखा, चित्रा, इन्दुलेखा, चम्पकलता, रंगदेवी, तुंगविद्या और सुदेवी थीं. ये सभी विशेष गुणों से युक्त थीं. ये अष्ट सखियां कई कलाओं में निणुण थीं. इन्हें संगीत और प्रकृति के रहस्यों को गहरा ज्ञान था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/fee5f29ed9f60c446a5064c7a44c304e8814d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
राधा रानी की सबसे करीबी सखियों में ललिता देवी, विशाखा, चित्रा, इन्दुलेखा, चम्पकलता, रंगदेवी, तुंगविद्या और सुदेवी थीं. ये सभी विशेष गुणों से युक्त थीं. ये अष्ट सखियां कई कलाओं में निणुण थीं. इन्हें संगीत और प्रकृति के रहस्यों को गहरा ज्ञान था.
3/9
![ललिता देवी के बारे में कहा जाता है कि वे मोरपंख के रंग की साड़ी धारण करती थीं. ललिता को सुगंध की विशेष समझ और ज्ञान था. ये राधा को ताम्बूल यानि पान का बीड़ा देती थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/48b08eae4b5567f14c5b7e31555a33dc64e95.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ललिता देवी के बारे में कहा जाता है कि वे मोरपंख के रंग की साड़ी धारण करती थीं. ललिता को सुगंध की विशेष समझ और ज्ञान था. ये राधा को ताम्बूल यानि पान का बीड़ा देती थीं.
4/9
![विशाखा राधा की दूसरी सखी का नाम विशाखा था. विशाखा बहुत सुंदर और इनकी कान्ति सौदामिनी की तरह थी. राधा को कर्पूर-चन्दन से निर्मित वस्तुएं प्रस्तुत करती थीं. ये सुदंर वस्त्र बनाने में निणुण थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/e502194fb98f7b039b75a039fcc9e8d5043ae.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
विशाखा राधा की दूसरी सखी का नाम विशाखा था. विशाखा बहुत सुंदर और इनकी कान्ति सौदामिनी की तरह थी. राधा को कर्पूर-चन्दन से निर्मित वस्तुएं प्रस्तुत करती थीं. ये सुदंर वस्त्र बनाने में निणुण थीं.
5/9
![चित्रा राधा की तीसरी प्रिय सखी हैं. चित्रा के अंगों की चमक केसर के भांति थी. चित्रा काचवर्ण की सुन्दर साड़ी धारण करती थीं. ये राधा जी का श्रृंगार करती थीं. चित्रा के बारे में कहा जाता है कि वे इशारों में राधा जी की बातों को समझ लेती थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/a2cb8d8c32174243bbf79839414dbc27f2705.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
चित्रा राधा की तीसरी प्रिय सखी हैं. चित्रा के अंगों की चमक केसर के भांति थी. चित्रा काचवर्ण की सुन्दर साड़ी धारण करती थीं. ये राधा जी का श्रृंगार करती थीं. चित्रा के बारे में कहा जाता है कि वे इशारों में राधा जी की बातों को समझ लेती थीं.
6/9
![इंदुलेखा राधा की चौथी प्रिय सहेली थीं. ये लाल रंग की साड़ी पहनती थीं. इनके बारे में कहा जाता है कि ये सदैव प्रसन्न रहती थीं और मुख एक मुस्कान बनी ही रहती थी. ये नृत्य और गायन विद्या में निपुण थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/ddf84e416fbd4871df986be4eb08ed6e9d471.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इंदुलेखा राधा की चौथी प्रिय सहेली थीं. ये लाल रंग की साड़ी पहनती थीं. इनके बारे में कहा जाता है कि ये सदैव प्रसन्न रहती थीं और मुख एक मुस्कान बनी ही रहती थी. ये नृत्य और गायन विद्या में निपुण थीं.
7/9
![चंपकलता की सुदंरता चंपा के पुष्प के समान थी. इसीलिए इन्हें चंपकलता कहा जाता है. चंपकलता नीले रंग की साड़ी पहनती थीं. रंगदेवी रंगदेवी जवाकुसुम रंग की साड़ी पहनती थीं. ये राधा जी के चरणों में जावक यानि महावर लगाने का कार्य करती थीं. ये सभी व्रतों के विधान का ज्ञान रखती थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/9388ee8e991b2db6525ef737c1c559589a86c.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
चंपकलता की सुदंरता चंपा के पुष्प के समान थी. इसीलिए इन्हें चंपकलता कहा जाता है. चंपकलता नीले रंग की साड़ी पहनती थीं. रंगदेवी रंगदेवी जवाकुसुम रंग की साड़ी पहनती थीं. ये राधा जी के चरणों में जावक यानि महावर लगाने का कार्य करती थीं. ये सभी व्रतों के विधान का ज्ञान रखती थीं.
8/9
![तुंगविद्या पीले रंग की साड़ी पहनती थीं और इनकी बुद्धि बहुत तीक्ष्ण थी. ये अपनी बुद्धिमत्ता के लिए विख्यात थीं. इन्हे ललित कलाओं की विशेष समझ थी. ये संगीत में भी निणुण थीं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/3ab248da870d9221bf1b8ae88b4e737a1e245.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
तुंगविद्या पीले रंग की साड़ी पहनती थीं और इनकी बुद्धि बहुत तीक्ष्ण थी. ये अपनी बुद्धिमत्ता के लिए विख्यात थीं. इन्हे ललित कलाओं की विशेष समझ थी. ये संगीत में भी निणुण थीं.
9/9
![सुदेवी अति सुंदर थीं. ये मूंगे के रंग की साड़ी पहनती थीं और राधा को जल पिलाने का कार्य करती थीं. इन्हें जल को निर्मल और शुद्ध करने का ज्ञान था.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/06/07/495e09b9bf5cd03b84d1d1ef18f861671dc44.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
सुदेवी अति सुंदर थीं. ये मूंगे के रंग की साड़ी पहनती थीं और राधा को जल पिलाने का कार्य करती थीं. इन्हें जल को निर्मल और शुद्ध करने का ज्ञान था.
Published at : 07 Jun 2023 06:48 PM (IST)
और देखें
Advertisement
ट्रेंडिंग न्यूज
Advertisement
Advertisement
टॉप हेडलाइंस
इंडिया
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड
ओटीटी
बिजनेस
Advertisement
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)