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Ahoi Ashtami 2023: अहोई अष्टमी पर पहनें इस रंग के कपड़े, माता होंगी प्रसन्न, संतान पर नहीं आएगी आंच
Ahoi Ashtami 2023: माताएं अपने संतान की सुरक्षा और उसके सुखी जीवन के लिए 5 नवंबर 2023 को अहोई अष्टमी का व्रत रखेंगी. अहोई अष्टमी के दिन इन रंगों के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए, इससे विशेष लाभ मिलता है.
![Ahoi Ashtami 2023: माताएं अपने संतान की सुरक्षा और उसके सुखी जीवन के लिए 5 नवंबर 2023 को अहोई अष्टमी का व्रत रखेंगी. अहोई अष्टमी के दिन इन रंगों के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए, इससे विशेष लाभ मिलता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/10/05/eab7f8fb681d82c5024ded3d8a0bb1681696484907587499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अहोई अष्टमी 2023
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![अहोई अष्टमी के दिन संतान के लिए निर्जला व्रत रखकर तारों की छांव में अर्घ्य देने का विधान है. ये व्रत शाम को अहोई माता की पूजा और तारों को अर्घ्य देने के बाद पूरा होता है. अहोई अष्टमी के दिन माताओं को गेरु रंग या लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए. इससे स्याहु बहुत प्रसन्न होती है और संतान की हर संकट से रक्षा करती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/03/44be7829ec84406bccafbd4407a232bb0e646.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अहोई अष्टमी के दिन संतान के लिए निर्जला व्रत रखकर तारों की छांव में अर्घ्य देने का विधान है. ये व्रत शाम को अहोई माता की पूजा और तारों को अर्घ्य देने के बाद पूरा होता है. अहोई अष्टमी के दिन माताओं को गेरु रंग या लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए. इससे स्याहु बहुत प्रसन्न होती है और संतान की हर संकट से रक्षा करती है.
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![अहोई अष्टमी के दिन स्याहु माला पहनने की परंपरा है. मान्यता है कि इस माला को नियम से धारण करने वाली माताओं की संतान की सेहत अच्छी बनी रहती है. इस माला को दिवाली तक पहना चाजा है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/03/673f4707d3b5374029384a9e60ef0cb3b0b78.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अहोई अष्टमी के दिन स्याहु माला पहनने की परंपरा है. मान्यता है कि इस माला को नियम से धारण करने वाली माताओं की संतान की सेहत अच्छी बनी रहती है. इस माला को दिवाली तक पहना चाजा है.
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![अहोई अष्टमी के दिन स्याहु माला पहनने की परंपरा है. मान्यता है कि इस माला को नियम से धारण करने वाली माताओं की संतान की सेहत अच्छी बनी रहती है. इस माला को दिवाली तक पहना चाजा है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/03/3faad221f8a1749084cce2888b032abba6efc.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अहोई अष्टमी के दिन स्याहु माला पहनने की परंपरा है. मान्यता है कि इस माला को नियम से धारण करने वाली माताओं की संतान की सेहत अच्छी बनी रहती है. इस माला को दिवाली तक पहना चाजा है.
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![अहोई अष्टमी के दिन स्याहु को 8 पूड़ी, 8 मालपुआ आदि का भोग लगाएं. फिर हाथ में गेहूं के 7 दाने लेकर अहोई अष्टमी व्रत कथा सुनें. ये 7 गेंहू के दान कथा अनुसार पुत्रों का प्रतीक है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/03/6f70f1b4648045e020336cae05ae00a191397.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अहोई अष्टमी के दिन स्याहु को 8 पूड़ी, 8 मालपुआ आदि का भोग लगाएं. फिर हाथ में गेहूं के 7 दाने लेकर अहोई अष्टमी व्रत कथा सुनें. ये 7 गेंहू के दान कथा अनुसार पुत्रों का प्रतीक है.
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![अहोई अष्टमी के दिन स्याहु को 8 पूड़ी, 8 मालपुआ आदि का भोग लगाएं. फिर हाथ में गेहूं के 7 दाने लेकर अहोई अष्टमी व्रत कथा सुनें. ये 7 गेंहू के दान कथा अनुसार पुत्रों का प्रतीक है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/03/f1b0748503a97bc546c2341a6e5e2b0293aa5.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अहोई अष्टमी के दिन स्याहु को 8 पूड़ी, 8 मालपुआ आदि का भोग लगाएं. फिर हाथ में गेहूं के 7 दाने लेकर अहोई अष्टमी व्रत कथा सुनें. ये 7 गेंहू के दान कथा अनुसार पुत्रों का प्रतीक है.
Published at : 05 Nov 2023 07:40 AM (IST)
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