Astrology: पुरूष को कान छिदवाना चाहिए या नहीं, जानें क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र
हिंदू धर्म में हमारे 16 संस्कारों में एक संस्कार हैं कर्ण छेड़न संस्कार. पुरातन काल की बात करें तो हिंदू धर्म में सभी राजा-महाराजा का कर्ण भेद संस्कार हुआ.भगवान श्री राम और कृष्ण का भी वैदिक रीति से कर्णभेद संस्कार हुआ था.
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View In Appकर्णभेदन की परंपरा को आज भी कई जगह पर माना जाता है. कान छिदवाने से मस्तिष्क में रक्त का संचार सही तरीके से होता है और इससे व्यक्ति की बुद्धिमान होता है.
इसलिए बचपन में ही बच्चों के कान छिदवा दिए जाते हैं ताकि शिक्षा शुरू होने से पहले ही बच्चे की सोचने और समझने की छमता बढ़ जाए.
लेकिन आजकल लड़कों या पुरुषों में कान छिदवाना एक फैशन बन गया है. ज्योतिष के अनुसार कान छिदवाने से राहु और केतु के दुष्प्रभाव खत्म हो जाते हैं. हालांकि नियम दोनों कान छिदवाने का है.
कान छिदवाने से व्यक्ति के रूप में निखार आता है. इससे आंखों की रोशनी तेज होती है.कान छिदवाने से तनाव भी कम होता है, कान के निचले हिस्से पर दबाव पड़ने से तनाव कम होता है. इसीलिए अगर पुरुषों को कान छिदवाना है तो इस बात का ख्याल रखें की दोनों कान छिदवाएं.
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