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Shani Dev: किसके श्राप की वजह से शनि देव हुए लंगड़े और किसने की इनकी मदद? जानें पौराणिक कथा
Shani Dev Katha: शनि देव भगवान शिव के परम भक्त थे. इन्हें न्याय का देवता कहा जाता है. भगवान शिव के एक अवतार पिप्पलाद थे जिनके कारण शनि देव लंगड़े हुए थी. आइये जानें शनिदेव कि कथा के बारे में:
![Shani Dev Katha: शनि देव भगवान शिव के परम भक्त थे. इन्हें न्याय का देवता कहा जाता है. भगवान शिव के एक अवतार पिप्पलाद थे जिनके कारण शनि देव लंगड़े हुए थी. आइये जानें शनिदेव कि कथा के बारे में:](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/16/4ef708a60f78a6732691468cb679c9861671173813762343_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शनि देव
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![Shani Dev Avtar Katha: पुराणों के अनुसार, भगवान शिव के एक अवतार पिप्पलाद थे. ये भगवान शिव के परम भक्त दधीचि मुनि के पुत्र थे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/16/86c3cbc8cde622a8c725d89a88bdcb96a5478.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
Shani Dev Avtar Katha: पुराणों के अनुसार, भगवान शिव के एक अवतार पिप्पलाद थे. ये भगवान शिव के परम भक्त दधीचि मुनि के पुत्र थे.
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![पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने अपने परम भक्त दधीचि मुनि के यहां उनके पुत्र रूप में अवतार लिया था. भगवान ब्रह्रा ने इनका नाम पिप्पलाद रखा, क्योंकि इनका जन्म पीपल के नीचे हुआ और पीपल के पत्तों को खाकर तप किया.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/16/18e2999891374a475d0687ca9f989d83681fe.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पुराणों के अनुसार, भगवान शिव ने अपने परम भक्त दधीचि मुनि के यहां उनके पुत्र रूप में अवतार लिया था. भगवान ब्रह्रा ने इनका नाम पिप्पलाद रखा, क्योंकि इनका जन्म पीपल के नीचे हुआ और पीपल के पत्तों को खाकर तप किया.
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![मान्यता है कि पिप्पलाद के जन्म के बाद ही इनके पिता दधीचि मुनि की मृत्यु हो गई. जब पिप्पलाद बड़े हुए तो अपने पिता के मृत्यु का कारण पूंछा तो पता चला कि शनिदेव की कुदृष्टि के कारण उनकी मृत्यु हुई.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/16/ae566253288191ce5d879e51dae1d8c3f3b7f.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
मान्यता है कि पिप्पलाद के जन्म के बाद ही इनके पिता दधीचि मुनि की मृत्यु हो गई. जब पिप्पलाद बड़े हुए तो अपने पिता के मृत्यु का कारण पूंछा तो पता चला कि शनिदेव की कुदृष्टि के कारण उनकी मृत्यु हुई.
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![पिता की मृत्यु का कारण जानकार पिप्पलाद बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने शनिदेव के ऊपर ब्रह्रादंड का प्रहार किया. शनि देव ब्रह्रादंड का प्रहार नहीं सह सकते थे. इसके डर से शनि देव भागने लगे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/16/1058abae0dc372f4432cbea7fa1235123f872.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पिता की मृत्यु का कारण जानकार पिप्पलाद बहुत क्रोधित हुए और उन्होंने शनिदेव के ऊपर ब्रह्रादंड का प्रहार किया. शनि देव ब्रह्रादंड का प्रहार नहीं सह सकते थे. इसके डर से शनि देव भागने लगे.
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![तीनों लोको के बाद भी ब्रह्रादंड ने शनि देव का पीछा नहीं छोड़ा और आकर उनके पैरों पर लग गया. इससे शनि के पैर टूट गए. तब शनि देव बहुत दुखी होकर भगवान शिव को पुकारने लगे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/16/8df7b73a7820f4aef47864f2a6c5fccf46e55.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
तीनों लोको के बाद भी ब्रह्रादंड ने शनि देव का पीछा नहीं छोड़ा और आकर उनके पैरों पर लग गया. इससे शनि के पैर टूट गए. तब शनि देव बहुत दुखी होकर भगवान शिव को पुकारने लगे.
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![तब भगवान शिव आकर शनि देव की रक्षा की और पिप्पलाद के क्रोध को शांत कराया. तभी से शनि देव लंगड़े होकर चलने लगे और पिप्पलाद से भय खाने लगे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2022/12/16/62bf1edb36141f114521ec4bb4175579cdbea.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
तब भगवान शिव आकर शनि देव की रक्षा की और पिप्पलाद के क्रोध को शांत कराया. तभी से शनि देव लंगड़े होकर चलने लगे और पिप्पलाद से भय खाने लगे.
Published at : 16 Dec 2022 08:12 PM (IST)
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