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Ayodhya Ram Mandir: श्रीराम की कुलदेवी कौन हैं? प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ा है खास संबंध
Badi Devkali Mandir: मान्यताओं के अनुसार भगवान राम की भी कुलदेवी थीं. भगवान श्रीराम की कुलदेवी बड़ी देवकाली का प्राचीन मंदिर अयोध्या में है. दूर-दूर से यहां लोग मां के दर्शनों के लिए आते हैं.
![Badi Devkali Mandir: मान्यताओं के अनुसार भगवान राम की भी कुलदेवी थीं. भगवान श्रीराम की कुलदेवी बड़ी देवकाली का प्राचीन मंदिर अयोध्या में है. दूर-दूर से यहां लोग मां के दर्शनों के लिए आते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/cb1a3f98e9d571a5069a22be11a0b2c01705642333354343_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
श्री राम की कुलदेवी
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![अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं. अयोध्या अपने प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. भगवान राम की जन्मभूमि होने के साथ-साथ इस जगह का एक और भी खास महत्व है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/ceba091c9eebc9a2cabb3d51840d97ec750aa.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर हैं. अयोध्या अपने प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. भगवान राम की जन्मभूमि होने के साथ-साथ इस जगह का एक और भी खास महत्व है.
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![अयोध्या में भगवान श्रीराम की कुलदेवी का मंदिर भी है. हिंदू धर्म में कुलदेवी या कुलदेवताओं का विशेष महत्व है. पीढ़ी दर पीढ़ी लोग कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा करने की परंपरा निभाते हैं. और भगवान श्रीराम भी अपनी कुलदेवी की पूजा करते थे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/d988fe5ce62c3c3393383d2606ce3c49425b9.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
अयोध्या में भगवान श्रीराम की कुलदेवी का मंदिर भी है. हिंदू धर्म में कुलदेवी या कुलदेवताओं का विशेष महत्व है. पीढ़ी दर पीढ़ी लोग कुलदेवी या कुलदेवता की पूजा करने की परंपरा निभाते हैं. और भगवान श्रीराम भी अपनी कुलदेवी की पूजा करते थे.
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![भगवान राम की कुलदेवी का मंदिर अयोध्या में स्थित है. मां बड़ी देवकाली भगवान श्रीराम की कुलदेवी मानी जाती हैं. देवी भागवत में भी बड़ी देवकाली का वर्णन किया गया है. इसमें बड़ी देवकाली को प्रभु श्रीराम की कुलदेवी कहा गया है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/4bcda77b77e4a41aaaebf88ab59d325b74bc2.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
भगवान राम की कुलदेवी का मंदिर अयोध्या में स्थित है. मां बड़ी देवकाली भगवान श्रीराम की कुलदेवी मानी जाती हैं. देवी भागवत में भी बड़ी देवकाली का वर्णन किया गया है. इसमें बड़ी देवकाली को प्रभु श्रीराम की कुलदेवी कहा गया है.
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![पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस बड़ी देवकाली मंदिर का निर्माण प्रभु श्रीराम के पूर्वज महाराज रघु ने करवाया था. कहा जाता है कि अपनी कुलदेवी के आशीर्वाद से ही प्रभु श्रीराम ने लंका पर विजय हासिल की थी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/18180f681502093257978ce876188237aef90.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक इस बड़ी देवकाली मंदिर का निर्माण प्रभु श्रीराम के पूर्वज महाराज रघु ने करवाया था. कहा जाता है कि अपनी कुलदेवी के आशीर्वाद से ही प्रभु श्रीराम ने लंका पर विजय हासिल की थी.
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![बड़ी देवकाली मंदिर के गर्भगृह में तीनों देवियां, मां महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती विराजमान हैं. भगवान राम के पूर्वज महाराज रघु अपनी कुलदेवी बड़ी देवकाली के तीनों रूपों की पूजा-अर्चना किया करते थे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/baa2dd6105eb99e203c610683ee9c449dd094.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
बड़ी देवकाली मंदिर के गर्भगृह में तीनों देवियां, मां महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती विराजमान हैं. भगवान राम के पूर्वज महाराज रघु अपनी कुलदेवी बड़ी देवकाली के तीनों रूपों की पूजा-अर्चना किया करते थे.
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![पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान श्रीराम सवा महीने के थे तब माता कौशल्या उन्हें अपनी गोद में लेकर अपनी कुलदेवी बड़ी देवकाली के मंदिर में दर्शन के लिए आई थीं. उन्होंने बड़ी देवकाली के तीनों रूपों की पूजा-अर्चना की थी. इसलिए यहां प्रभु श्रीराम पालने में विराजमान हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/5013ec88ae56b068874500200a17d2197af2d.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जब भगवान श्रीराम सवा महीने के थे तब माता कौशल्या उन्हें अपनी गोद में लेकर अपनी कुलदेवी बड़ी देवकाली के मंदिर में दर्शन के लिए आई थीं. उन्होंने बड़ी देवकाली के तीनों रूपों की पूजा-अर्चना की थी. इसलिए यहां प्रभु श्रीराम पालने में विराजमान हैं.
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![लंका पर युद्ध से पहले भी भगवान राम की विजय कामना के लिए माता कौशल्या ने अयोध्या में अपनी कुलदेवी के दर्शन किए थे. लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भी भगवान राम यहां अपनी कुलदेवी के दर्शन के लिए आए थे.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/56c239ee838a9d13b877f2d64d61578337c88.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
लंका पर युद्ध से पहले भी भगवान राम की विजय कामना के लिए माता कौशल्या ने अयोध्या में अपनी कुलदेवी के दर्शन किए थे. लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भी भगवान राम यहां अपनी कुलदेवी के दर्शन के लिए आए थे.
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![खास बात यह है कि कुलदेवी का मंदिर नीचे है जबकि भगवान राम बाल्य अवस्था में ऊपर के मंदिर में विराजमान है. इसकी पीछे की मान्यता यह है कि नीचे से माता जी भगवान राम का स्मरण करती हैं और भगवान अपने नेत्रों से अपनी कुलदेवी के चरण स्पर्श करते हैं. नवरात्रि के अवसर पर भगवान राम की कुलदेवी का भव्य दरबार सजाया जाता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/01/19/57c09ac9a8e351dd8537e4ad93b3abca77673.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
खास बात यह है कि कुलदेवी का मंदिर नीचे है जबकि भगवान राम बाल्य अवस्था में ऊपर के मंदिर में विराजमान है. इसकी पीछे की मान्यता यह है कि नीचे से माता जी भगवान राम का स्मरण करती हैं और भगवान अपने नेत्रों से अपनी कुलदेवी के चरण स्पर्श करते हैं. नवरात्रि के अवसर पर भगवान राम की कुलदेवी का भव्य दरबार सजाया जाता है.
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Published at : 19 Jan 2024 11:24 AM (IST)
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