Chitragupta Puja 2023: भाई दूज पर क्यों होती है भगवान चित्र गुप्त की पूजा, जानें विधि
भाई दूज का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है.
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View In Appएक पौराणिक कथा के अनुसार भगवान चित्रगुप्त का जन्म ब्रहमा जी के चित्त से हुआ था. भगवान चित्रगुप्त को देवताओं का लेखपाल और यम का सहायक कहा जाता है.
भगवान चित्रगुप्त मनुष्य के अच्छे-बुरे का लेखा-जोखा अपने पास रखते हैं. इसीलिए कहा जाता है मनुष्य को अपने कर्मों के हिसाब से ही उन्हें फल मिलता है. इसलिए उन्हें यमराज का सहायक भी कहते हैं.
भगवान चित्रगुप्त की पूजा कायस्थ समुदाय के लोग करते हैं. चित्रगुप्त को कायस्थ समाज का पूर्वज माना जाता है. इस दिन सबसे पहले चित्रगुप्त जी की आरती होती है. इसके बाद कलम दवात की पूजा की जाती है.
इस दिन यम को बहन यमुना से वरदान मिला था. जो भाई अपनी बहन के यहां जाकर इस दिन माथे पर तिलक लगाएगा और बहन के हाथों से बना भोजन खाएगा उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं रहेगा.इसके लिए भी भगवान चित्रगुप्त जी की भी पूजा की जाती है.
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