Budhwar Upay: गणेश जी को आखिर क्यों प्रिय है दूर्वा?, जानें इससे जुड़ी पौराणिक कथा
बुधवार के दिन गणेश जी को उनकी प्रिय दूर्वा चढ़ाने का विधान. आइये जानते हैं आखिरी क्यों गणेश जी को दूर्वा अति प्रिय है. क्यों उनकी हर पूजा में गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने का विधान है.
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View In Appबुधवार का दिन गणेश जी का दिन है. इस दिन गणेश जी को दुर्वा चढ़ाने का विधान है. इस दिन गणेश जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है. गणेश जी की पूजा बिना दूर्वा के अधूरी मानी जाती है.
एक पौराणिक कथा के अनुसार अनलासुर नाम का एक दैत्य से सभी परेशान थे. ये सभी को जिंदा निगल जाता था. इससे परेशान होकर सभी शिव जी के पास पहुंचे और उन्हें दैत्य के अत्याचार के बारे में बताया. शिव जी ने कहा कि दैत्य अनलासुर का नाश सिर्फ गणेश कर सकते हैं.
गणेश जी दैत्य के पास पहुंचे और उसे निगल गए. गणेश जी के दैत्य को निकले के बाद गणेश जी के पेट में जलन होने लगी, जिसपर कश्यप ऋषि ने उन्हें 21 दूर्वा घास खाने को दी थी, जिससे उनकी जलन शांत हुई. तभी से माना जाता है कि गणेश जी दुर्वा को चढ़ाने से खुश होते हैं.
लेकिन याद रखें कि गणेश जी को दूर्वा चढ़ाने से पहले पानी से दूर्वा को धोकर चढ़ाएं. दूर्वा घास होती है जिसे मंदिर या बागीचे से लें. दूर्वा को अर्पित करते समय ध्यान रखें कि जोड़े में ही चढ़ाए.
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