Navratri Kanya Puja: नवरात्रि में कन्या पूजन के दौरान इन 5 बातों का रखें ध्यान माता रानी होंगी प्रसन्न
16 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि की महाष्टमी और 17 अप्रैल 2024 को महानवमी है. ये दो दिन कन्या पूजन के लिए श्रेष्ठ माने जाते हैं. कन्या पूजा में कुछ खास बातों का ध्यान रखें, नहीं तो व्रत फलित नहीं होते.
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View In Appकन्या पूजन 2 से 10 साल की कन्या का ही करना चाहिए. मान्यता है कि मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को मानकर कन्या पूजन किया जाता है. ऐसा करने से माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में मंगल ही मंगल बना रहता है.
कन्या पूजन में 9 कन्याओं को सबसे पहले आदर पूर्वक निमंत्रण दें, साथ ही बटुक (एक बालक) को भी भोजन के लिए आमंत्रित करें. देवी पूजन में बटुक को भैरव मानकर पूजा जाता है.
कन्याओं को भोजन करवाने से पहले परिवार के लोग अन्न ग्रहण न करें. भोजन भी सात्विक होना चाहिए.
कन्याओं के पहले पैर धोएं. फिर पूर्व दिशा की ओर मुख करके कुमकुम, हल्दी का तिलक करें. फिर आसन पर बैठाकर उन्हें भोजन कराएं.
भोजन के बाद कन्याओं को सामर्थ्य के अनुसार दक्षिणा या उपहार देकर लाल चुनरी ओढाएं और पूरे परिवार के साथ पैर छूकर आशीर्वाद लें और माता के जयकारे लगाते हुए उनको विदा करें.
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