Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि पर करें मां दुर्गा के इन मंदिरों के दर्शन, खुल जाएगा भाग्य मिलेगा देवी मां का आशीर्वाद
9 अप्रैल 2024 से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करने के साथ ही देवी मां के प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. ऐसे में आइए जानें दुर्गा मां के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में.
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View In Appवैष्णों देवी मंदिर जम्मू राज्य से 61 किलोमीटर दूर उत्तर में त्रिकुट पर्वत पर स्थित है. यहां पर आदिशक्ति स्वरूप महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती पिंडी रूप में त्रेता युग से एक गुफा में विराजमान हैं. इस मंदिर के दर्शन के लिए भक्त 14 किलोमीटर की चढ़ाई करके गुफा तक पहुंचते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार नवरात्रि के नौ दिनों में वैष्णों देवी के दर्शन करने से व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं.
चामुंडेश्वरी मंदिर कर्नाटक राज्य में पहाड़ की चोटी पर स्थित है. धार्मिक मान्यता के अनुसार चामुंडेश्वरी देवी ने राक्षस महिषासुर का वध इसी पहाड़ की चोटी पर किया था. ऐसे में इस स्थान को महिषुरु के नाम से भी जाना जाता है. इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान अधिक मात्रा में भक्तों की भीड़ रहती है. इस मंदिर को नवरात्रि में बहुत भव्य तरीके से सजाया जाता है. नौ दिनों के दौरान चामुंडेश्वरी देवी के दर्शन करने से सभी कष्ट दूर होते हैं साथ ही उनकी कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है.
कालीघाट मंदिर कोलकाता में स्थित है, यह मंदिर दुर्गा मां के 51 शक्तिपिठों में से एक है. धार्मिक मान्यता के अनुसार यहां माता सती के पैर के अंगूठे गिरे थे. इस कारण यह मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. नवरात्रि के नौ दिनों में यहां हजारों भक्तों की भीड़ रहती है. इस मंदिर के दर्शन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं साथ ही मां काली के आशीर्वाद से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं.
असम राज्य के गुवाहाटी में नीलांचल पर्वत पर कामाख्या मंदिर स्थित है. यह मंदिर मां दुर्गा के 51 प्रमुख शक्तिपीठो में से एक माना जाता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार इस स्थान पर देवी सती की योनी गिरी थी. जिसने एक देवी का रूप ले लिया तब से यहां कामाख्या देवी के रूप में माता की योनी को पूजा जाता है. क्योंकि योनी से ही पूरी दुनिया का निर्माण हुआ है. ऐसे में यहां नवरात्रि पर दर्शन करने से देवी मां का आशीर्वाद मिलता है और मां कामाख्या की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
ज्वाला देवी मंदिर हिमांचल प्रदेश में स्थित है. यह मंदिर दुर्गा मां के 51 शक्तिपीठों में से एक है, मान्यता के अनुसार यहां माता सती की महाजिह्वा गिरी थी. तब से इस मंदिर में मां भगवती के नौ ज्योति रूपों के दर्शन होते हैं. जिनके नाम महालक्ष्मी, महाकाली, महासरस्वती, हिंगलाज भवानी, विंध्यावासिनी,अन्नपूर्णा, चंडी देवी, अंजना देवी और अम्बिका देवी है. इन नौ देवी के दर्शन के दौरान चौथा दर्शन ज्वाला देवी का ही होता है. नवरात्रि में ज्वाला मंदिर के दर्शन से सभी समस्याएं दूर होती हैं और माता की कृपा सदैव अपने भक्तों पर बनी रहती है.
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