Chanakya Niti: जहां नहीं होता ये काम वह घर श्मशान के समान है, जानें चाणक्य ने ऐसा क्यों कहा
चाणक्य के अनुसार जिस घर में आए दिन झगड़े होते हैं, अशांति का माहौल बना रहता. छोटी-छोटी बातों पर भी विवाद होने लगते हैं समझ लीजिए उस घर के लोग जल्द कंगाली की कगार पर आ जाते हैं.
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View In Appचाणक्य नीति कहती है कि घर में बार-बार शीशा या कांच के बर्तन टूटना अपशगुन माना जाता है. ये बुरे वक्त आने का संकेत है. इसे परिवार में क्लेश होने से जोड़कर देखा जाता है.
घर-आंगन में तुलसी का होना सौभाग्य की निशानी है लेकिन तुलसी के हरे-भरे पौधे का अचानाक सूख जाना अच्छा संकेत नहीं है. चाणक्य नीति के अनुसार तुलसी के सूखने पर आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है.
चाणक्य कहते हैं कि जहां बुजुर्गों का निरादर हो, उन्हें के लिए वाणी का गलत प्रयोग होता है उस घर के सदस्यों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ता है. यहां तक कि घर की सुख-शांति छिन जाती है. 4
आपके घर में अगर प्रतिदिन पूजा नहीं हो रही है तो यह भी आने वाली समस्या की ओर इशारा कर रहा है. कहते हैं जिस घर में प्रतिदिन पूजा नहीं होती वह घर नहीं शमशान कहलाता है.
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