Chanakya Niti: जिस व्यक्ति ने चाणक्य की इन सलाह को मान लिया, उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार जीवन में सफलता उसी को मिलती है जो समय और अनुशासन के साथ-साथ नैतिक गुणों का पूरा ध्यान रखता है. समय जहां व्यक्ति को कर्म प्रधान बनाता है वहीं अनुशासन से जीवन जीने की कला आती है. इन सब के साथ जब व्यक्ति नीतियों पर चलता है तो उसकी सफलता की यात्रा में चारचांद लग जाते हैं. ऐसे लोग जीवन में अपार सफलता प्राप्त करते हैं. इन्हें जीवन में धन और मान-सम्मान की भी कोई कमी नहीं रहती है.
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View In Appचाणक्य नीति (Chanakya Niti) कहती है कि देर तक सोना सेहत के लिए अच्छा नहीं है. सूरज निकलने से पहले जो लोग बिस्तर का त्याग कर देते हैं वे दिनभर के कार्यों को आसानी से पूरा कर लेते हैं. सुबह जल्द उठने से आलस पास नहीं आता है. आचार्य चाणक्य के अनुसार जल्द सोना और जल्द जागना मनुष्य के लिए हितकारी है.
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति सदैव गंभीर रहना चाहिए. जो लोग सेहत के प्रति लापरवाह होते हैं उन्हें रोग घेरे रहते हैं. रोग से दूर रहना है तो पौष्टिक आहार अवश्य लेना चाहिए. पौष्टिक आहार सेहत को ठीक रखते हैं और रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं. पौष्टिक आहार लेने से ऊर्जा बनी रहती है जो पूरे दिन के कार्यों को करने के लिए आवश्यक है.
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार जिस व्यक्ति की वाणी मधुर होती है वो जल्द सफलता प्राप्त करता है. मधुर वाणी सभी को प्रिय है. मधुर वाणी बोलकर व्यक्ति बडे़ से बड़ा कार्य भी बहुत ही आसानी से करा लेता है.
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार अनुशासन की भावना व्यक्ति को कार्यों में सफलता प्रदान कराती है. अनुशासन से समय का महत्व ज्ञात होता है. जिसका जीवन अनुशासित है, उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. ऐसे लोग कठिन लक्ष्य को भी आसानी से पा लेते हैं.
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार मूर्खों के साथ कभी मित्रता नहीं रखनी चाहिए,उनसे दूर रहें या त्याग करें. क्योंकि प्रत्यक्ष रूप से वे दो पैरों वाले पशु के सामान होते हैं,जो अपने धारदार वचनों से वैसे ही हदय को छलनी करता हैं जैसे कोई कांटा शरीर को छलनी करता है.
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