Chanakya Niti: धन आने पर न करें 4 गलती, छिन जाएगा सुख-चैन
चाणक्य नीति कहती है कि बुरे वक्त में इंसान ईश्वर को प्रसन्न करने के हर संभव प्रयास करता है लेकिन जब उसकी मनोकामना पूरी हो जाती है तो वह धर्म को दरकिनार कर देता है. अधिक धन की चाहत में वह अधर्म के रास्ते पर चला जाता है. यह गलती न करें, क्योंकि ऐसा करने वालों पर लक्ष्मी अपना आशीर्वाद नहीं लुटाती और सुख-चैन सब छिन जाता है.
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View In Appचाणक्य कहते हैं कि पैसों का घमंड अच्छे रिश्तों में भी दरार ला देता है, इसलिए गलती से भी परिवार के बीच पैसों का रौब न दिखाएं. धन आज है कल नहीं लेकिन आपने चाहने वाले मरते दम तक आपका साथ देंगे.
पैसा कमाने के लिए कभी अपनी सेल्फ रिस्पेक्ट को दांव पर न लगाएं. ऐसे मनुष्य न घर के रहते हैं न घाट के. धन के लालच में अपने आत्सम्मान से समझौता न करें.
चाणक्य नीति कहती है कि जब व्यक्ति संपन्न हो तो उसे अनावश्यक धन खर्च की बजाय अपनी कमाई का कुछ हिस्सा धर्म-कर्म के कार्य में लगाना चाहिए. धन की बर्बादी व्यक्ति को दूसरों के सामने हाथ फैलाने पर मजबूर कर देती है.
चाणक्य नीति के अनुसार कभी दूसरों का अहित करने के लिए अपने धन का इस्तेमाल न करें. ऐसा करने पर धनवान भी कंगाल हो जाता है.
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