Chandra Grahan 2022: चंद्र ग्रहण की अशुभता से बचने के लिए तुलसी और कुश का किया जाता है प्रयोग, इसके पीछे ये है वजह
Chandra Grahan 2022: आखिरी चंद्र ग्रहण आज है. भारत में यह चंद्रग्रहण आज शाम 5.32 मिनट पर दिखाई देगा और शाम 6.18 मिनट पर खत्म होगा. ज्योतिष शास्त्र में ग्रहण को अशुभ घटना माना जाता है. इस दौरान तुलसी और कुश का विशेष महत्व माना जाता है.
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View In Appग्रहणकाल के दौरान अपने पास कुश यानी दूर्वा घास और तुलसी के पत्ते रखने की सलाह दी जाती है. ग्रहणकाल में शुद्धि के लिए कुश और तुलसी के पत्तियों का इस्तेमाल किया जाता है.
घर में पके हुए भोजन में सूतक काल लगने से पहले ही तुलसी के पत्ते डालकर रख देने चाहिए. माना जाता है कि इससे भोजन दूषित नहीं होता है.
मान्यता है कि चंद्रग्रहण के दौरान धरती पर बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है. कुश और तुलसी को बेहद पवित्र माना जाता है. यही वजह है कि ग्रहण काल के दौरान और इसके बाद भी शुद्धिकरण के लिए इनका उपयोग करते हैं.
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी ग्रहण के बाद आई सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा दूर करती है. तुलसी और कुश को दोषों का नाश करने वाला माना जाता है.
चंद्र ग्रहण के सूतक से पहले ही खाने-पीने की चीजों में तुलसी का पत्ता रखने से इस पर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है. चंद्रग्रहण के बाद घर में तुलसी के पत्ते से पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है.
ध्यान रखें कि तुलसी के पत्ते कभी भी ग्रहण के दौरान नहीं तोड़ने चाहिए. ग्रहण लगने से पहले तुलसी के पत्ते तोड़ कर रख लेने चाहिए.
चंद्रग्रहण के समय तुलसी के प्रयोग के धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानिक तर्क भी बताए गए हैं. माना जाता है कि चंद्रग्रहण के समय पेट की पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. इस दौरान ग्रहण किया गया भोजन नहीं पचता है.
ग्रहण के दौरान किया गया भोजन शारीरिक या मानसिक तौर पर नुकसान पहुंचा सकता है. भोजन में तुलसी डालने से सब तरह की अशुद्धियां दूर हो जाती है. तुलसी पाचन शक्ति को भी सही बनाए रखती है.
वहीं माना जाता है कि कुश मां सीता के केश से बना है. इसलिए इसी बेहद पवित्र माना जाता है. ग्रहण काल में तुलसी के साथ-साथ हर वस्तु में कुश डालने की भी मान्यता है.
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