Chhath Puja 2023: उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर संपन्न हुआ छठ पर्व, अब चैत्र मास में होगा चैती छठ
छठ पर्व छठी मैया और भगवान भास्कर की पूजा-उपासना का पर्व होता है. पौराणिक मान्याओं के अनुसार, सूर्य पुत्र कर्ण द्वारा ही छठ पर्व की शुरुआत मानी जाती है. इसके साथ ही छठ पर्व को लेकर कई कथाएं और मान्यताएं प्रचलित हैं.
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View In Appसोमवार, 20 नवंबर को आज उदयगामी सूर्य को अर्घ्य देकर कार्तिक छठ पर्व का समापन हो गया. अब इसके बाद एक बार फिर से चैत्र मास में लोकआस्था का महापर्व छठ मनाया जाएगा. इसे चैती छठ कहा जाता है.
दरअसल महापर्व छठ साल में दो बार मनाया जाता है. हिंदू कैलेंडर के चैत्र मास और कार्तिक मास में छठ पर्व मनाया जाता है. हालांकि कार्तिक महीने में पड़ने वाले छठ का विशाल आयोजन होता है और यह बड़े पैमाने पर मनाया जाता है.
कार्तिक मास में छठ पर्व के समापन के बाद अब अगले साल चैत्र मास में एक बार फिर से छठ पर्व मनाया जाएगा. चैत्र मास में पड़ने के कारण इसे चैती छठ के नाम से जाना जाता है.
बता दें कि 2024 में चैती छठ पूजा की शुरुआत शुक्रवार, 12 अप्रैल को नहाय खाय के साथ होगी और सोमवार,15 अप्रैल 2024 को इसका समापन होगा. 15 अप्रैल को ही प्रात:काली सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण किया जाएगा.
चैत्र मास और कार्तिक मास में पड़े वाले छठ व्रत की विधिया, नियम और महत्व समान होते हैं. कार्तिक मास की तरह चैती छठ में भी व्रती 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है और पूर्ण विधि-विधान से छठी मैया और सूर्य देव की उपासना करती है.
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