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Chhath Puja 2023: छठ महापर्व शुरू, नहाय-खाय पर बन रहे अद्भुत योग, सूर्य उपासना का मिलेगा दोगुना लाभ
Chhath Puja 2023:छठ पूजा कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से सप्तमी तक होती है. चार दिवसीय छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जोकि 17 नवंबर 2023 को है. ज्योतिष के अनुसार, छठ के पहले दिन कई दुर्लभ योग बन रहे हैं.
![Chhath Puja 2023:छठ पूजा कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से सप्तमी तक होती है. चार दिवसीय छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है, जोकि 17 नवंबर 2023 को है. ज्योतिष के अनुसार, छठ के पहले दिन कई दुर्लभ योग बन रहे हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/16/6a4c5b83da3322e035313365dcceb0f71700138262806466_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
छठ पूजा 2023
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![शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को नहाय-खाय के साथ लोकआस्था के महापर्व छठ की शुरुआत होगी. इस दिन कद्दू चना दाल की सब्जी और चावल का सात्विक प्रसाद बनाया जाता है. छठ पूजा सूर्य उपासना का पर्व है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/16/f3ccdd27d2000e3f9255a7e3e2c48800faaa8.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को नहाय-खाय के साथ लोकआस्था के महापर्व छठ की शुरुआत होगी. इस दिन कद्दू चना दाल की सब्जी और चावल का सात्विक प्रसाद बनाया जाता है. छठ पूजा सूर्य उपासना का पर्व है.
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![ज्योतिष की माने तो, इस साल छठ व्रत पर भद्रावास और करण जैसे दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिससे छठ व्रत का कई गुणा लाभ मिलेगा. बता दें कि छठ पूजा 17 नवंबर के शुरू होकर 20 नवंबर को समाप्त होगी.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/16/156005c5baf40ff51a327f1c34f2975b1fca7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ज्योतिष की माने तो, इस साल छठ व्रत पर भद्रावास और करण जैसे दुर्लभ योग बन रहे हैं, जिससे छठ व्रत का कई गुणा लाभ मिलेगा. बता दें कि छठ पूजा 17 नवंबर के शुरू होकर 20 नवंबर को समाप्त होगी.
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![पहले दिन 17 नवंबर को नहाय-खाय है, दूसरे दिन 18 नवंबर को खरना, तीसरे दिन 19 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 20 नवंबर 2023 को ऊषा अर्घ्य के साथ छठ व्रत का समापन होगा.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/16/799bad5a3b514f096e69bbc4a7896cd961ab5.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
पहले दिन 17 नवंबर को नहाय-खाय है, दूसरे दिन 18 नवंबर को खरना, तीसरे दिन 19 नवंबर को संध्या अर्घ्य और 20 नवंबर 2023 को ऊषा अर्घ्य के साथ छठ व्रत का समापन होगा.
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![छठ व्रत का नहाय खाय शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी को सुबह 11:03 है. इस समय बव करण योग का भी निर्माण होगा, जिसे बहुत ही शुभ योग माना जाता है. मान्यता है कि, इस योग में की गई सूर्य उपासना से अक्षय फल की प्राप्ति होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/16/032b2cc936860b03048302d991c3498fce6bd.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
छठ व्रत का नहाय खाय शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को कार्तिक शुक्ल की चतुर्थी को सुबह 11:03 है. इस समय बव करण योग का भी निर्माण होगा, जिसे बहुत ही शुभ योग माना जाता है. मान्यता है कि, इस योग में की गई सूर्य उपासना से अक्षय फल की प्राप्ति होती है.
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![नहाय-खाय के दिन भद्रावास योग भी बन रहा है. ज्योतिष के अनुसार नहाय खाय पर यह योग वर्षों बाद बना है. इस योग में की गई पूजा से कई गुना लाभ मिलता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/16/d0096ec6c83575373e3a21d129ff8fef8e5a7.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
नहाय-खाय के दिन भद्रावास योग भी बन रहा है. ज्योतिष के अनुसार नहाय खाय पर यह योग वर्षों बाद बना है. इस योग में की गई पूजा से कई गुना लाभ मिलता है.
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![ज्योतिष के अनुसार, भद्रावास योग भूमंडल का कल्याण करने वाला होता है. क्योंकि इस दौरान भद्रा का निवास पाताल लोक में होता है. इसलिए इस समय व्रत और पूजा-पाठ सभी सफल होते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/11/16/57edb71660ef24c39ccb88b2663c642d20acd.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
ज्योतिष के अनुसार, भद्रावास योग भूमंडल का कल्याण करने वाला होता है. क्योंकि इस दौरान भद्रा का निवास पाताल लोक में होता है. इसलिए इस समय व्रत और पूजा-पाठ सभी सफल होते हैं और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.
Published at : 17 Nov 2023 06:40 AM (IST)
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