Chhath Puja 2023: छठ पूजा के तीसरे दिन क्या करते हैं? जानें संध्या अर्घ्य का शुभ मुहूर्त
छठ पूजा का पर्व कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाता है. बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस दिन सूर्य देव और छठी मैया की पूजा की जाती है और उन्हें अर्घ्य दिया जाता है.
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View In Appचार दिनों तक चलने वाले छठ की शुरुआत नहाय खाय के साथ होती है. दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
19 नवंबर को छठ पूजा का तीसरा दिन है. यह कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि होती है जिसे छठ पूजा की मुख्य तिथि माना जाता है. व्रती इस दिन शाम के समय पूरी श्रद्धा के साथ पूजा की तैयारी करते हैं.
इस दिन बांस की टोकरी में अर्घ्य का सूप सजाया जाता है. इस दिन व्रती अपने पूरे परिवार के साथ डूबते सूर्य को अर्घ्य देने घाट पर जाती हैं. इसे संध्या अर्घ्य भी कहा जाता है.
इस दिन शुभ मुहूर्त डूबते सूर्य को जल अर्पित किया जाता है. इस दिन सूर्यास्त का समय शाम 5 बजकर 26 मिनट पर है.
संध्या अर्घ्य में बांस की टोकरी में फल, फूल, ठेकुआ,चावल के लड्डू,गन्ना,मूली और कंदमूल रखकर सूर्य को जल अर्पित किया जाता है.
इस दिन जैसे ही सूर्यास्त होता है, परिवार के सभी लोग किसी पवित्र नदी, तालाब या घाट पर एकत्रित होकर एक साथ सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं.
छठ पूजा पर महिलाएं अपने संतान की लंबी आयु अच्छी सेहत और सुख-समृद्धि के लिए 36 घंटे का कठोर निर्जला व्रत रखती हैं.
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