Diwali Laxmi Puja: आखिर क्यों एक स्थान पर नहीं ठहरतीं मां लक्ष्मी, क्या है उनकी चंचलता का राज
दिवाली का त्योहार हर साल कार्तिक अमावस्या के दिन धूमधाम के साथ मनाया जाता है, जोकि इस साल 31 अक्टूबर 2024 को है. दिवाली के पहले से ही लोग लक्ष्मी पूजन की तैयारियों में लग जाते हैं.
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View In Appहिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन, वैभव, सुख और समृद्धि की देवी कहा जाता है. इसलिए हर व्यक्ति चाहता है कि उसपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रही और घर पर उनका वास हो. लेकिन जहां सभी देवी-देवता एक स्थान पर वास करते हैं, वहीं मां लक्ष्मी एक स्थान पर नहीं टिकती.
धर्मशास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि मां लक्ष्मी का स्वभाव बहुत ही चंचल है. इसलिए वह कभी भी एक स्थान पर अधिक समय तक नहीं टिकती हैं. आइय़े जानते हैं मां लक्ष्मी के अस्थायी और चंचल स्वभाव का आखिर क्या राज है.
पौराणिक कथा के अनुसार, नारद जी के पूछने पर ब्रह्मा जी ने कहा था कि, अगर मां लक्ष्मी का वास स्थाई हो जाए तो व्यक्ति अभिमान से चूर हो जाएगा और कुकर्म करने लगेगा. भक्तों को उसके कर्म और मेहनत के अनुसार फल मिले इसलिए उन्हें चंचल मन दिया गया.
वहीं मां लक्ष्मी के अस्थायी होने एक और कारण यह है कि समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी की उत्पत्ति जल से हुई थी. जल स्थिर न होकर हमेशा चलयमान होता है, ठीक इसी तरह मां लक्ष्मी भी जल की तरह स्थिर नहीं रहतीं.
अगर आप चाहते हैं कि आपके घर पर सैदव मां लक्ष्मी का वास हो तो विधि-विधान से उनकी पूजा करें, घर को हमेशा साफ-सुथरा रखें, धन का लालच या अभिमान न करें, महिलाओं का सम्मान करें.
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