Dussehra 2023: रावण को मारने के लिए राम को कितने तीर मारने पड़े थे ?
त्रेतायुग में आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि लंकापति रावण का अंत हुआ था. श्रीराम के बाणों से रावण का शरीर छलनी हो गया था और वह मृत्यु के प्राप्त हुआ. हर साल इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाते हैं. इस दिन पुन: अधर्म पर धर्म की जीत हुई थी.
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View In Appत्रेतायुग में आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि लंकापति रावण का अंत हुआ था. श्रीराम के बाणों से रावण का शरीर छलनी हो गया था और वह मृत्यु के प्राप्त हुआ. हर साल इस दिन को विजयादशमी के रूप में मनाते हैं. इस दिन पुन: अधर्म पर धर्म की जीत हुई थी.
श्रीरामचरित मानस के अनुसार श्रीराम ने 31 बाण एक साथ रावण को मारे थे. जिसमें से 30 बाण उसके हाथ, सिर, धड़ पर लगें वहीं 1 बाण नाभि पर लगा.
मान्यता है कि श्रीराम ने रावण को दिव्य अस्त्र से मारा था. जो ब्रह्म देव ने दशानन को प्रदान किया था. विभीषण के कहने पर हनुमान जी लंका के महल से इस दिव्य अस्त्र को लाए थे. विभीषण ने ही प्रभु श्री राम को बताया था कि रावण की समस्त शक्ति उसकी नाभि में है. नाभि पर वार करने से ही रावण का अंत होगा.
कहते हैं श्रीराम के पास कोदंड नाम का मायावी धनुष था, जिसका अर्थ है बांस से निर्मित. ऐसी मान्यता है कि इस धनुष से छोड़ा गया बाण अपना लक्ष्य भेदकर ही वापस आता था.
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