Ganga Dussehra 2023: गंगा दशहरा पर भूल से भी न करें ऐसी गलती, शुरु हो जाएंगे बुरे दिन
गंगा स्नान के समय शरीर को रगड़कर नहीं नहाएं. गंगा को मोक्षदायिनी माना जाता है. गंगा दशहरा पर इसमें स्नान करने से पापों का नाश होता है ऐसे में स्नान के बाद शरीर को किसी कपड़े से पोंछे नहीं, स्वाभाविक रूप से सूखने दें फिर वस्त्र धार करें.
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View In Appमां गंगा को सबसे पवित्र नदी माना जाता है, गंगा दशहरा पर लाखों श्रद्धलु तीर्थ स्थल पर गंगा स्नान करते हैं, ऐसे में गंगा नदी में कचरा, प्लास्टिक, न डालें. गंगा नदी को मैली करने से दरिद्रता पीछा नहीं छोड़ती. इसे गंगा मां का अपमान माना जाता है.
गंगा दशहरा पर कई लोग प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल भरकर घर में लाते हैं. शास्त्र और विज्ञान दोनों ही इसे गलत मानता है. प्लास्टिक को जहरीला माना गया है. गंगाजल बहुत पवित्र है इसे हमेशा चांदी, पीतल या तांबे के बर्तन में ही भरें.
मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को गंगा स्नान नहीं करना चाहिए. ऐसे करने से पाप के भागी बनते हैं और जीवन संकटों से घिर जाता है.
गंगा दशहरा के दिन मिट्टी के घड़े में पानी भर लें और फिर उसमें कुछ बूंद गंगाजल की डाल दें. इसके बाद उसे ढ़ककर दक्षिण दिशा में रख दें और फिर कुछ समय बाद शिव मंदिर या किसी जरूरतमंद व्यक्ति को दान में दे दें। ऐसा करने से आपके भाग्य का द्वार खुलेगा और सारी उलझन दूर हो जाएंगी.
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