Good Friday 2024: ये हैं भारत के प्रसिद्ध और ऐतिहासिक चर्च, गुड फ्राइडे पर प्रार्थना के लिए पहुंचते हैं ईसाई
गुड फ्राइडे ईसाई धर्म का प्रमुख त्योहार है, जोकि ईस्टर रविवार से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को मनाया है. कहा जाता है कि, इसी दिन ईसा मसीह को यातनाएं देकर सूली पर चढ़ाया गया था. इसलिए गुड फ्राइडे को ईसाई ईसा मसीह से बलिदान दिवस और काले दिवस के रूप में मनाते हैं.
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View In Appगुड फ्राइडे के दिन ईसाई समुदाय के लोग चर्च जाकर प्रार्थना करते हैं और प्रभु यीशू को याद करते हैं. हालांकि गुड फ्राइडे पर चर्च में घंटियां नहीं बजाई जाती है. लेकिन लकड़ी के खटखटे बजाए जाते है. आइये गुड फ्राइडे पर जानते हैं देश के ऐसे चर्च के बारे में जो काफी प्रसिद्ध हैं.
सेंट फिलोमेना चर्च : मैसूर में स्थित यह चर्च 1936 में बनाया गया. कहा जाता है कि सेंट फिलोमेना चर्च एशिया का सबसे चर्च है और इसका निर्माण निओ-गोथिक शैली द्वारा किया गया था.
सेंट थॉमस चर्च: केरल के कोच्चि में स्थित यह चर्च प्रसिद्ध होने के साथ ही देश का सबसे पुराना चर्च है. यह भारत का सबसे पहला चर्च है, जहां सेंट थॉमस के दाएं हाथ की अस्थि रखी है. सेंट थॉमस ईसा मसीह के प्रमुख शिष्यों में एक थे. कहा जाता है कि, भारत में ईसाई धर्म की शुरुआत केरल के तटीय नगर क्रांगानोर से हुई और सेंट थॉमस ने ही भारत में ईसाई धर्म की सबसे पहले शुरुआत की थी.
सेंट पॉल कैथेड्रल चर्च : कोलकाता में स्थित यह चर्च अपनी वास्तुकला के लिए काफी प्रसिद्ध है. इसकी आधारशिला 1839 में रखी गई और 1847 में यह चर्च बनकर तैयार हो गया. इस चर्च को एशिया का पहला एपिस्कोपल चर्च कहा जात है.
क्राइस्ट चर्च: शिमला के रिज मैदान पर स्थित इस चर्च का निर्माण अंग्रेजों के शासन काल में हुआ था. अंग्रेजों के शासन काल में बना यह उतरी भारत का दूसरा और सबसे पुराना चर्च है. इसे शिमला का ताज कहा जाता है, क्योंकि यह कई किलोमीटर दूर से एक ताज की तरह नजर आता है.
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