Grahan Yog: ग्रहण योग क्या होता है? जानें किन लोगों पर पड़ता है इसका प्रभाव और इससे बचने के उपाय
ग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलिय घटना है लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसका विशेष महत्व होता है. सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है. 20 अप्रैल को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. इस ग्रहण से ग्रहण योग बन रहा है.
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View In Appजब सूर्य और राहु कुंडली के किसी भाव में एक साथ आते हैं तो सूर्य ग्रहण योग बनता है. ग्रहण योग बुहत अशुभ माना जाता है. ग्रहण योग होने से जीवन की शुभता पर ग्रहण लग जाता है.
इस सूर्य ग्रहण में सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में राहु और बुध के साथ होंगे. मंगल के मिथुन में और बुध के मेष में होने से राशि ग्रहण योग बन रहा है. ग्रहण योग का हर जातकों के जीवन पर कुछ ना कुछ नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
इसके प्रभाव से कार्यक्षेत्र में आपको असफलताओं का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप व्यापारी हैं तो व्यापार में नुकसान उठाना पड़ सकता है. कुछ लोग इसके दुष्प्रभाव से किसी कानूनी विवाद में भी फंस सकते हैं.
ग्रहण योग की वजह से मानसिक तनाव झेलना पड़ता है. यहां तक की पिता के साध संबंधों में भी उतार-चढ़ाव आता है. इस योग की प्रभाव से आकस्मिक नुकसान या दुर्घटना के शिकार भी हो सकते हैं.
कुंडली में ग्रहण योग हो तो अत्मबल में कमी रहती है, विवाह और शिक्षा में बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इतना ही नहीं इस योग की वजह से वैवाहिक जीवन भी अस्थिर हो जाता है.
ग्रहण योग से बचने के लिए ग्रहण काल के समय सूर्य देव की आराधना करना चाहिए. सूर्य के बीज मंत्र 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः ।।' का जाप करने से विशेष लाभ होता है.
इस अशुभ योग से बचने के लिए इस दिन लाल चन्दन का तिलक लगाएं और लाल चन्दन की माला या एक मुखी रुद्राक्ष धारण करें. गुड़ का सेवन करने से इस अशुभ योग में लाभ मिलता है.
60 ग्राम का शुद्ध चांदी का हाथी लाएं. अब स्टील की कटोरी में गंगाजल भरकर उसमें ये हाथी रखकर अपने बेड रूम में रखें. ध्यान रखे की इस हाथी पर सूर्य की रोशनी न पहुंचे. इससे ग्रहण योग का प्रभाव कम होता है.
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