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किस गुरु ने की थी खालसा पंथ की स्थापना, जानें इनसे जुड़ा इतिहास
Guru Gobind singh jayanti 2024: खालसा (Khalsa Panth) का अर्थ है शुद्ध, पवित्र, जो देश और मानवता के लिए अपना सब कुछ निछावर कर दें. आइये जानते हैं सिख धर्म में किस गुरु ने की थी खालसा पंथ की स्थापना.

खालसा पंथ
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Guru Gobind singh jayanti 2024: सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की नींव रखी थी. गुरु गोबिंद सिंह का जन्म 22 दिसंबर 1666 को बिहार के पटना में हुआ था. गुरु गोबिंद सिंह सिखों के 9वें गुरु गुरु जेग बहादुर जी के बेटे थे. महज 9 साल की उम्र में गुरु गोबिंद सिंह जी को गुरु चुना गया है.
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वर्ष 1699 में बैसाखी के पर्व के दिन खालसा पंथ की स्थापना की गई. खालसा पंथ की स्थापना के लिए गुरु गोबिंद सिंह जी ने आनंदपुर साहिब में सिखों को बैसाखी के दिन इक्ट्टठा होने के लिए कहा. इसके बाद उन्होंने स्वंय सेवक को आगे आने को कहा जो बलिदान देने के लिए तैयार थे.
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5 लोग आगे आए जो अपना बलिदान देने के लिए तैयार थें. इन्हें पंच प्यारे कहा गया. ये वो पंच प्यारे जो जो अपना सिर कटाने के लिए तैयार हो गए थे. इनके नाम भाई दया सिंह, भाई धर्म सिंह, भाई हिम्मत सिंह, भाई मोहकम सिंह और भाई साहिब सिंह है.
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इन सभी को अमृत पान करवाया और इनके साथ गुरु गोबिंद सिंह जी ने खुद अमृत पान किया. तब से लेकर आज तक हमेश गुरु ग्रंथ साहिब की पालकी के आगे ये पंच प्यारे हमेशा रहते हैं.
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खालसा एक परंपरा है. खालसा पंथ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य निर्दोष सिखों का उत्पीड़न था. औरंगजेब के काल में गुरु तेग बहादुर जी के सिर कलम कर दिया गया था, जिसके बाद उनके बेटे गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की शुरुआत की.
Published at : 16 Jan 2024 03:12 PM (IST)
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राजेश शांडिल्यसंपादक, विश्व संवाद केन्द्र हरियाणा
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