Guru Tegh Bahadur Shaheedi Diwas 2023: आज सिखों के 9वें गुरू गुरू तेग बहादुर सिंह का शहीदी दिवास, जानें उनकी शहादत

गुरु तेग बहादुर सिखों के 9वें गुरू थे. उनका जन्म अमृतसर में 21 अप्रैल, 1621 को माता नानकी और सिखों के छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद के यहां हुआ था.
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गुरु तेग बहादुर, गुरु हरगोबिंद साहिब के सबसे छोटे बेटे थे. इन्हें 'हिंद की चादर' के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने हिंदू धर्म को बचाने के लिए मुगल शासक औरंगजेब से सीधी टक्कर ली थी.

जब औरंगजेब के जबरन धर्मांतरण के विरोध में मोर्चा खोल रखा था. इस्लाम स्वीकार न करने के कारण 1675 में औरंगजेब ने सबके सामने उनका सिर कटवा दिया था. गुरु तेग बहादुर ने सिर कटवाना मंजूर किया, लेकिन औरंगजेब के सामने सिर नहीं झुकाया.
उन्होंने अपने धर्म की रक्षा के लिए अपना सिर कटवा दिया. मुसलमान बनने से इनकार करने पर 24 नवंबर 1675 ईसवीं में गुरु साहिब के शीश को दिल्ली के चांदनी चौक में औरंजेब ने धड़ से अलग कर दिया था.
गुरू तेग बहादुर जी का शीश जहां पर काटा गया वहां आज गुरद्वारा शीश गंज साहिब है. यहीं से रंगरेटा उनका सिर लेकर आनंदपुर साहिब की ओर भागा.आनंदपुर साहिब में श्री गुरू गोबिंद सिंह जी ने इस शीश का अंतिम संस्कार किया.
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