Holi 2024: 400 साल से यहां नहीं हुआ होलिका दहन, आखिर किस श्राप का है डर, जानें मान्यता
हथखोह गांव, मध्यप्रदेश - मध्यप्रदेश के सागर जिले हथखोह गांव में 400 से होलिका दहन नहीं किया गया है. मान्यता है होलिका दहन से यहां स्थिति झारखंडन माता नाराज हो जाता हैं. प्राचीन काल में यहां होलिका दहन के दौरान पूरा गांव जलकर राख हो गया था. तभी से लोगों का मानना है कि यहां देवी के श्राप के चलते होलिका दहन नहीं किया जाता.
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View In Appदुर्गापुर गांव, झारखंड - पौराणिक मान्यता है कि वर्षों पहले इस गांव में एक राजा के बेटी की मृत्यु होली के दिन हो गई थी. राजा के बेटे की मौत के बाद जब-जब इस गांव में होली का त्योहार मनाया गया, तब-तब गांववालों पर संकट गहराने लगा.इसके बाद राजा ने यहां के लोगों को होली ना मनाने का आदेश दिया.
रामसन, गुजरात - इस गांव में 200 साल से होलिका दहन नहीं हुआ. कहते हैं यहां एक बार राजा के कारण होलिका दहन नहीं हुआ था, जिससे यहां के संत नाराज हो गए और उन्होंने श्राप दिया कि जिस दिन यहां होलिका दहन होगा उस दिन पूरे गांव में आग लग जाएगी. इसी डर के चलते यहां होली नहीं मनाई जाती.
बरसी गांव, यूपी - यहां पांडवों ने एक प्राचीन शिव मंदिर का निर्माण किया था. ऐसी मान्यता है कि भगवान शंकर यहां आते हैं. ऐसे में होलिका दहन की आग से उनके पैर झुलस जाते हैं, इसलिए 'होलिका दहन' नहीं किया जाता है.
रुद्रप्रयाग के गांव, उत्तराखंड - यहां क्विली, कुरझन आदि गांव की मान्यता है कि इस क्षेत्र की प्रमुख देवी त्रिपुर सुंदरी को शोर नहीं पसंद है, इसलिए यहां के लोग होली का त्योहार नहीं मनाते.
इस बार 24 मार्च को होलिका दहन और 25 मार्च को रंगों की होली खेली जाएगी.
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