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Jagannath Rath Yatra 2024: जगन्नाथ रथ यात्रा कितने दिन की होती है ? कैसे तैयार होते हैं रथ, जानें खासियत
Jagannath Rath Yatra 2024: जगन्नाथ रथ यात्रा की 7 जुलाई 2024 से शुरू होगी. मान्यता है कि यात्रा के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति के संकट दूर होते हैं, जानें कैसे बनते हैं भगवान के रथ, क्या है खासियत.
![Jagannath Rath Yatra 2024: जगन्नाथ रथ यात्रा की 7 जुलाई 2024 से शुरू होगी. मान्यता है कि यात्रा के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति के संकट दूर होते हैं, जानें कैसे बनते हैं भगवान के रथ, क्या है खासियत.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/b47e3e4cf41d2fe81d1eef366c4265251719573547591499_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जगन्नाथ रथ यात्रा 2024
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![हर साल उड़ीसा के पुरी में विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा निकाली जाती है. जिसमें भगवान जगन्नाथ के रूप में श्रीकृष्ण, उनकी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम भव्य रथों पर सवार होकर भ्रमण करते हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/5ecff69d9a6b4bdba5f956feb17a3a918ec5a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
हर साल उड़ीसा के पुरी में विश्व प्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा निकाली जाती है. जिसमें भगवान जगन्नाथ के रूप में श्रीकृष्ण, उनकी बहन सुभद्रा और बड़े भाई बलराम भव्य रथों पर सवार होकर भ्रमण करते हैं.
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![जगन्नाथ रथ यात्रा का ये उत्सव 10 दिन तक धूमधाम से मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से होती है समापन दशमी तिथि को होता है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/b5d502b516743d97261b703327e5fa6ae1a7a.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
जगन्नाथ रथ यात्रा का ये उत्सव 10 दिन तक धूमधाम से मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत आषाढ़ शुक्ल द्वितीया से होती है समापन दशमी तिथि को होता है.
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![इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई 2024 को शुरू होगी और इसकी समाप्ति 16 जुलाई 2024 को होगी. जगन्नाथ यात्रा में 3 रथ शामिल होते है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/35b516f289ea3b79383eef9044bb4c384e8aa.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा 7 जुलाई 2024 को शुरू होगी और इसकी समाप्ति 16 जुलाई 2024 को होगी. जगन्नाथ यात्रा में 3 रथ शामिल होते है.
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![तीनों देवी-देवता के लिए अलग-अलग रथों का निर्माण किया जाता है. इन रथों को बनाने की शुरुआत अक्षय तृतीया से होती है. रथों के निर्माण के लिए दारु नामक नीम की लड़कियों का इस्तेमाल किया जाता है, ये बेहद पवित्र और हल्की होती हैं.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/d780b6171b766df61e15c29e3f136592ad3dc.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
तीनों देवी-देवता के लिए अलग-अलग रथों का निर्माण किया जाता है. इन रथों को बनाने की शुरुआत अक्षय तृतीया से होती है. रथों के निर्माण के लिए दारु नामक नीम की लड़कियों का इस्तेमाल किया जाता है, ये बेहद पवित्र और हल्की होती हैं.
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![रथ में कील या कांटों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, न ही कोई धातु उपयोग में लेते हैं. श्रीकृष्ण के रथ का रंग लाल और पीला होता है. इसकी ऊंचाई 13 मीटर होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/625d1a1e77b58a6dbfb3f56123f90d2f1a0d1.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
रथ में कील या कांटों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है, न ही कोई धातु उपयोग में लेते हैं. श्रीकृष्ण के रथ का रंग लाल और पीला होता है. इसकी ऊंचाई 13 मीटर होती है.
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![वहीं सुभद्रा जी के रथ का रंग लाल और काला होता है. इसकी ऊंचाई 12.9 मीटर होती है. इस पर देवी दुर्गा का प्रतीक होता है. साथ ही बलराम जी का रथ हरे-लाल रंग का होता है. इसकी ऊंचाई 13.2 मीट होती है.](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/06/28/2f1437aa62e40ed43503ad960c88bb5956e38.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=720)
वहीं सुभद्रा जी के रथ का रंग लाल और काला होता है. इसकी ऊंचाई 12.9 मीटर होती है. इस पर देवी दुर्गा का प्रतीक होता है. साथ ही बलराम जी का रथ हरे-लाल रंग का होता है. इसकी ऊंचाई 13.2 मीट होती है.
Published at : 28 Jun 2024 06:48 PM (IST)
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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