Jyeshtha Purnima 2023: ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत कल, भूलकर भी ना करें ये काम, भुगतने पड़ सकते हैं अशुभ परिणाम
ज्येष्ठ माह में आने वाली पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है. स्नान-दान के लिए यह दिन बहुत पुण्यदायी होता है. इस दिन गंगा स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत कल यानी 4 जून को रखा जाएगा.
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View In Appशास्त्रों में ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत से जुड़े कई नियम बताए गए हैं. इन नियमों का पालन करने से जीवन में सुख-शांति आती है. वहीं इनका पालन ना करने से गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं. जानते हैं कि इस दिन कौन से काम नहीं करने चाहिए.
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गलती से भी देर तक सोते ना रह जाएं. पूर्णिमा के दिन से सुबह जल्दी उठकर स्नान किया जाता है. इस दिन सुबह उठकर भगवान विष्णु की पूजा के बाद दान-दक्षिणा किया जाता है. पूर्णिमा के दिन दान-दक्षिणा का खास महत्व होता है.
इस दिन गलती से भी तामसिक भोजन और शराब का सेवन न करें. माना जाता है कि इस दिन तामसिक भोजन करने से मन-मस्तिष्क पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसलिए इस दिन सात्विक भोजन ही करें.
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन अपना आचरण बिल्कुल शुद्ध रखना चाहिए. इस दिन किसी के लिए भी अपशब्द का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. माना जाता है कि इससे चंद्र देव क्रोधित होते हैं और जीवन में तनाव बढ़ता है.
ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन गलती से भी तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. तुलसी के पत्ते भगवान विष्णु को बेहद प्रिय हैं लेकिन इस दिन तुलसी के पत्ते तोड़ना अशुभ माना जाता है. इससे भगवान विष्णु की कृपा नहीं मिलती है.
पूर्णिमा की रात में दही का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे चंद्र दोष लगता है और जीवन में कई मुश्किलें उठानी पड़ती हैं. ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की पूजा करनी चाहिए ताकि उससे जुड़े दोष दूर हों. चंद्रमा के प्रबल होने से धन, सुख और शांति आती है.
पूर्णिमा के दिन चंद्रमा का प्रभाव सबसे अधिक होता है. माना जाता है कि पूर्णिमा की रात वह अपनी पूर्ण कलाओं से संपन्न होकर आलोकित होता है. ऐसे में पूर्णिमा के दिन ऐसा कोई भी काम करने से बचना चाहिए जिससे चंद्र दोष लगे.
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