Kashmir Wedding: कश्मीरी शादियों में क्या होता है खास, जानें कश्मीरी विवाह से जुड़ी खास रस्में
कश्मीरी शादी की शुरुआत सगाई के समारोह से शुरु होती है जिसे कासमड्री या वन्ना भी कहा जाता है. इसमें कश्मीरी कैलेंडर के अनुसार वर-वधु के परिवार वाले मिलते हैं. एक दूसरे को फूलों का आदान-प्रदान होता है.
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View In Appमेनजीरत में मामा और मानी दुल्हन के पैर धोकर एक औपचारिक स्नान कराते हैं. इसके बाद दुल्हन के हाथों पर मेंहदी लगाते हैं.
दिवागोन रस्म में दूल्हा दूल्हन एक दूसरे के लिए शिव भगवान और माता पार्वती की पूजा करते हैं. इसके बाद अग्नि के सामने सेरेमनी होती है. उसमें दुल्हन का सामान और गहने सब अग्नि के सामने रखें जाते हैं.
कश्मीरी विवाह में हल्दी की रस्म अलग तरह से होती है. इसमें हल्दी की जगह पानी, दूध, चावल, दही को मिलाकर लेप लगाया जाता है. इसके बाद शादी के समय लगन का प्रक्रिया शुरु होती है. जिसमें फेरे लिए जाते हैं.
दुल्हन मंडप में मामा के साथ जाती है और दुल्हा और दुल्हन दोनों के चेहरे ढक दिए जाते हैं. नीचे रखें शीशे में दोनों एक दूसरे का चेहरा देखते हैं. इसके बाद अग्नि के चारों ओर फेरे लेते हैं.इसके बाद पॉश पुजा की रस्म होती है. जिसमें उनके सिर पर लाल कपड़ा रखा जाता है. यह दंपति की पूजा है दो भगवान शिव और माता पार्वती के प्रतिनिधि हैं.
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