सिंगापुर क्रूज़ पर कुमार विश्वास की रामकथा सुन लोग हुए भावविभोर, दुनिया भर में हो रही सराहना
भारतीय भूमि से दूर तकनीक व व्यापार के लिए विश्व विदित देश सिंगापुर में विश्वविख्यात रामकथा मर्मज्ञ व कवि डॉ॰ कुमार विश्वास की रामकथा का आयोजन बहुत ही भव्य तरीक़े से हुआ. “दिव्य-राम” शीर्षक से आयोजित हुई इस अनोखी रामकथा की सबसे अनोखी बात इस कार्यक्रम का आयोजन-स्थल था. यह चार दिवसीय कथा सिंगापुर से मलेशिया के बीच समुद्र में तैरते हुए एक लक्ज़री क्रूज़ पर संपन्न हुई. दुनिया के अनेक व्यसन व विलास के लिए प्रसिद्ध इस क्रूज़ पर भारतीय सनातन संस्कृति को समर्पित इस सात्विक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए लोग बहुत ही सुदूर स्थानों से पधारें थे.
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View In Appकार्यक्रम में भूटान व नेपाल जैसे भारत के पड़ोसी देशों से लेकर भारत के लगभग सभी राज्यों के श्रोतागण उपस्थित रहे. श्रोताओं में विभिन्न धर्मों व आयु-वर्गों के लोग भी शामिल हुए जिनमें नवविवाहित जोड़ों से लेकर जीवन के उत्तरार्ध में नवीन धर्मोत्सुक बने कई दंपत्तिगण भी शामिल थे.
जेंटिग ड्रीम नामक लक्ज़री क्रूज़ इस आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत सिंगापुर के समुद्र तट से हुई जहॉं से चलकर क्रूज़ मलेशिया के विभिन्न बंदरगाहों से गुजरते हुए तीन दिन बाद वापस पुनः सिंगापुर पहुँचा. इस यात्रा के दौरान सभी श्रोताओं ने तीन दिनों तक रामकथा की वैज्ञानिकता व भारत के सांस्कृतिक मूल्यों के ऊपर हुए संवाद व चर्चा का खूब आनंद लिया.
डॉक्टर कुमार विश्वास ने कहा कि भगवान राम मनुष्यता की ऑंखों से देखे गए अब तक के सबसे बड़े सपने हैं. भगवान राम के जीवन के विविध प्रसंगों के माध्यम से जीवन मूल्यों का उल्लेख करते हुए उन्होंने बताया कि व्यक्ति को कभी भी चुनौतियों से घबराना नहीं चाहिए. चुनौती ईश्वर की सबसे प्रिय पुत्री है जिसका हाथ ईश्वर संसार के सबसे योग्य लोगों के हाथ में देता है.
भारतीयों द्वारा क्रूज़ में हर तरफ़ राम-राम के अभिवादन का असर यह हुआ कि कथा के चौथे दिन भारतीयों से संवाद के क्रम में लगभग विदेशी लोग भी राम-राम के अभिवादन का संकेत आत्मसात् कर चुके थे. इस विशेष रामकथा में उपस्थित सभी श्रोताओं को कार्यक्रम के दौरान डॉ॰ कुमार विश्वास से अपने जीवन की आध्यात्मिक शंकाओं का समाधान पूछने का मौक़ा भी मिला जिसे लेकर सभी लोग बहुत ही उत्साहित नज़र आए. कार्यक्रम का समापन अक्षर-योग के अभ्यास द्वारा हुआ. यह योगाभ्यास श्रोताओं के लिए एक बहुत ही विशिष्टता अनुभव रहा.
डॉक्टर कुमार विश्वास ने अक्षर योग का अभ्यास कराते हुए श्रोताओं को जीवन में सदा सकारात्मक बने रहने के कई सूत्र समझाए व इस अनोखे योगाभ्यास सत्र का समापन रामधुन को समर्पित एक भजन से की. कार्यक्रम के आयोजन समूह ने कार्यक्रम की सफलता से उत्साहित होकर समापन के समय ऐसे ही अनेक सत्र शीघ्र ही विश्व के लगभग सभी बड़े समुद्री मार्गों पर आयोजित करने की घोषणा की. कार्यक्रम में शामिल हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर अनुपम ने इस आयोजन को अत्यंत भव्य व दिव्य बताते हुए इसे भारतीय संस्कृति के वैश्विक जयघोष की संज्ञा दी है तथा इसके लिए डॉ॰ कुमार विश्वास को साधुवाद ज्ञापित किया है. वही अंतरराष्ट्रीय ख्याति-प्राप्त कवि श्री रमेश मुस्कान ने भी कथा के अनुभवों को अपने फ़ेसबुक लाइव के माध्यम से अपने फ़ैन्स से साझा किया है जिसे अबतक हज़ारों लोग देख चुके हैं.
विदित हो कि डॉक्टर कुमार विश्वास विगत छः वर्षों से अपने-अपने राम के नाम से देश-विदेश में आयोजित होने वाले अपने ऊर्जा-सत्रों के माध्यम से युवा-पीढ़ी तक रामकथा की वैज्ञानिक व्याख्या पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं। इन प्रयासों में डॉ विश्वास को बेहद सफलता भी मिली है तथा सोशल मीडिया पर अपने-अपने राम के विडियोज आए दिन वायरल होते रहते हैं।
विदित हो कि डॉक्टर कुमार विश्वास विगत छः वर्षों से अपने-अपने राम के नाम से देश-विदेश में आयोजित होने वाले अपने ऊर्जा-सत्रों के माध्यम से युवा-पीढ़ी तक रामकथा की वैज्ञानिक व्याख्या पहुँचाने का कार्य कर रहे हैं. इन प्रयासों में डॉ विश्वास को बेहद सफलता भी मिली है तथा सोशल मीडिया पर अपने-अपने राम के विडियोज आए दिन वायरल होते रहते हैं.
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