Mahakumbh 2025: महिलाएं भी होती हैं नागा साधु, जानें उनके लिए क्या है नियम
तपस्वी जीवन शैली और युद्ध कौशल के लिए प्रसिद्ध नागा साधु महाकुंभ में महत्वपूर्ण माने जाते हैं. नागा साधु के बारे में तो सभी ने सुना होगा लेकिन क्या आपको पता है कि महिला नागा साधु भी होती हैं?
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View In Appनागा साधुओं के बारे में कहा जाता है कि इन्हें 8वीं सदी में शंकराचार्य ने हिंदू धर्म के सैनिकों के रूप में स्थापित किया था. ये सैनिक ही थे जो धर्म की राह पर चलते हैं.
नागा साधु एक कठिन प्रक्रिया से होकर गुजरना होता है. फिर चाहे वो पुरुष हो या महिला नागा साध्वी. पुरुष नागा साधुओं के बाल लंबे होते हैं, लेकिन महिलाओं को साधु बनने की प्रक्रिया के तहत सिर मुंडवाना होता है.
महिला नागा साधु का सारा जीवन भगवान के लिए होता है. महिला नागा साध्वी बनने के लिए पहले उन्हें 6 से 12 वर्ष तक ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है. जो इसमें सफलता पाता है वही नागा साधु बनने के काबिल होता है.
महिला नागा साधु को सिर्फ गेरुए रंग का बिना सिला वस्त्र पहनने की इजाजत होती है, लेकिन महिला नागा साधु अगर चाहें, तो निर्वस्त्र रह सकती हैं.
महिला नागा साधुओं को भी सांसारिक जीवन त्यागना होता है, अग्नि के सामने बैठकर कठिन तपस्या करनी होती है. खुद का ही पिंडदान करना होता है.
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