Mahavir Jayanti 2024: महावीर स्वामी की 5 ऐसी शिक्षाएं, जिन्हें अपनाकर इंद्रियों पर काबू पाया जा सकता है
हर वर्ष चैत्र माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती है. भगवान महावीर की यह जयंती इस बार 21 अप्रैल 2024 दिन रविवार को पढ़ रही है. इस दिवस को जैन धर्म में बहुत ही हर्ष उल्लास के साथ मनाया जाता है. आइए आज के दिन आपको बताते हैं भगवान महावीर की ऐसी 5 शिक्षाएं जो आपकी पांचों इंद्रियों को काबू करके के लिए आपकी मदद करेगी.
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View In Appअहिंसा- इस संसार में किसी भी प्राणी की हिंसा न करें. सबके प्रति मन में दया की भावना रखें. उनकी रक्षा करें. महावीर न केवल शरीर को कष्ट पहुंचाना अहिंसा मानते हैं, बल्कि उनकी दृष्टि में मन, वचन या कर्म से किसी को कष्ट पहुंचाना भी अहिंसा है.
सत्य - भगवान महावीर सत्य को ही सत्य तत्व कहते हैं. उनके अनुसार जो बुद्धिमान व्यक्ति सत्य के वश में रहता है वह मृत्युलोक को आसानी से तैर कर पार कर जाता है.
अपरिग्रह– भगवान महावीर कहते हैं कि जो व्यक्ति सजीव या निर्जीव वस्तुओं का संग्रह स्वयं करता है या दूसरों से कराता है, उसे कभी भी दुखों से मुक्ति नहीं मिल सकती.
अस्तेय- कभी किसी और की वस्तु बिना पूछे लेने और ग्रहण करने को जैन ग्रंथों में चोरी कहा गया है.
ब्रह्मचर्य- शास्त्रों में ब्रह्मचर्य को सर्वोत्तम तप, नियम, ज्ञान, दर्शन, चरित्र, संयम और शील का मूल बताया है. पर कुछ लोग इसे केवल स्त्री-पुरुष संबंधों तक ही सीमित रखने की गलती करते हैं. जबकि ब्रह्मचर्य वास्तव में, कामुक आनंद का शिकार हुए बिना वासना और इच्छाओं को नियंत्रित करने के लिए किए जाने वाली तपस्या है.
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