Masan Holi 2025 Date: बनारस में मसान होली कब मनेगी, कैसे शुरू हुई ये परंपरा?

बनारस में होली का उत्सव रंगभरी एकादशी के अगले दिन श्मशान घाटों पर मनाया जाता है. यहां साधु, संत और शिव जी गण चिता की राख से होली खेलते हैं. काशी की होली शिव जी को समर्पित है.
Download ABP Live App and Watch All Latest Videos
View In App
साधु-अघोरी मणिकर्निका घाट पर बाबा विश्वनाथ के साथ भस्म की होली खेलते हैं. इस साल 11 मार्च 2025 को बनारस में मसाने की होली खेली जाएगी. सबसे खास बात ये है महाकुंभ के बाद इस बार नागा साधु भी इस होली में शामिल होने काशी पहुंच रहे हैं.

ऐसा माना जाता है रंगभरी एकादशी के दिन बाबा विश्वनाथ पहली बार माता पार्वती के साथ विवाह के बाद पहली बार काशी आए थे. उस दिन मां का स्वागत गुलाल के रंग से किया था.
रंगभरी एकादशी के दिन शिवजी ने अपने गणों के साथ गुलाल से होली खेली लेकिन भूत-प्रेत, यक्ष, गंधर्व और प्रेत के साथ नहीं खेली इसीलिए रंगभरी एकादशी के दूसरे दिन मसाने की होली खेली जाती है.
संत, द्रष्टा और साध्वियां , बल्कि सभी क्षेत्रों के लोग मोक्ष प्राप्ति की आशा के साथ मृत्यु का उत्सव मनाने की सदियों पुरानी परंपरा में भाग लेने के लिए जलती हुई चिताओं के बीच श्मशान घाट पर एकत्र होते हैं.
रंगों की होली 14 मार्च 2025 को देशभर में मनाई जाएगी. होलिका दहन 13 मार्च को होगा. रंगभरी एकादशी 10 मार्च को मनाई जाएगी. काशी में एकादशी से 6 दिन तक होली का त्योहार चलता है.
- - - - - - - - - Advertisement - - - - - - - - -