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इजरायल से दो-दो हाथ करने को आतुर इस मुस्लिम देश में है हिंदूओं का प्राचीन मंदिर
इजरायल (Israeli) के साथ ईरान (Iran) की जंग जारी है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि मुस्लिम देश होने के बाद भी ईरान के बंदर अब्बास में हिंदुओं का एक प्राचीन विष्णु मंदिर (Vishnu Temple) है.

इस्लामिक देश का प्राचीन हिंदू मंदिर
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
वैसे तो दुनियाभर में ऐसे कई मुस्लिम देश हैं, जहां हिंदू देवी-देवताओं के मंदिर हैं. लेकिन आज आपको बताएंगे इस्लामिक देश ईरान में स्थित हिंदुओं के एकमात्र प्राचीन मंदिर के बारे में.
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
ईरान एक इस्लामिक देश है. जहां अधिकतर मुस्लिम आबादी है. खबरों के अनुसार यहां हिन्दुओं की आबादी मजह .6 प्रतिशत है. 2015 तक यहां 39, 200 हिंदू रहते थे. इस्लामिक देश होने के बावजूद भी यहां हिन्दुओं के लिए मंदिर का निर्माण कराया गया था.
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
ईरान के शहर बंदर अब्बास में हिंदू देवता भगवान विष्णु का एकमात्र मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण 1892 में मो. हसन खान साद-ओल मालेक के शासन के समय हुआ था. कहा जाता है मंदिर के निर्माण में भारतीय व्यापारियों का भी योगदान था.
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
इस प्राचीन मंदिर को ईरान के शहर बंदर अब्बास का ऐतिहासिक स्मारक भी माना जाता है. मंदिर की बनावट पूरी तरह से भारतीय वास्तुकला पर आधारित है. मंदिर का एक केंद्रीय वर्गाकार कक्ष है, जिसके ऊपर गुंबद भी है. मुख्य भवन के गुंबद पर 72 बुर्ज हैं.
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
ईरान में स्थित भगवान विष्णु के इस प्राचीन हिंदू मंदिर को 19वीं सदी के अंत तक भारतीय व्यापारियों की ओर से वित्त पोषित किया गया और फिर 1976 में आखिरी बार ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभपाद ने तेराहन की यात्रा की.
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
मंदिर की शानदार वास्तुकला शैली के कारण एक ओर जहां यह बंदर अब्बास का ऐतिहासिक स्मारक है तो वहीं यह ईरान के अन्य इमारतों से काफी अलग भी है.
Published at : 16 Aug 2024 06:27 PM (IST)
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
रुमान हाशमी, वरिष्ठ पत्रकार
Opinion